AIIMS On Nipah Virus: निपाह वायरस एक बार फिर अपना असर दिखाने लगा है। केरल राज्य में रविवार के दिन एक 12 साल के लड़के की मृत्यु हो गयी। केरल के कोझिकोड (Kozikhode) में रहने वाला यह लड़का निपाह वायरस से संक्रमित था। बच्चे की मौत के बाद हेल्थ अधिकारी अलर्ट पर हैं। वहीं, स्थानीय लोगों को भी एहतियात बरतने और सावधान रहने के लिए कहा गया है। इस बीच ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (AIIMS) के द्वारा लोगों को फलों का सेवन करते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गयी है। (AIIMS On Nipah Virus In Hindi)
एम्स एक्सपर्ट द्वारा कहा गया है कि लोगों को फलों का सेवन करने से पहले उसे अच्छी तरह साफ करके ही खाना चाहिए। इसी तरह पेड़ से ज़मीन पर गिरे फलों को उठाकर सीधे खाने से बचें। एम्स के मेडिसिन डिपार्टमेंट (Department of Medicine at All India Institute of Medical Sciences) में प्रोफेसर डॉ. आशुतोष बिस्वास (Dr Ashutosh Biswas) ने निपाह वायरस के प्रसार से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बतायीं। डॉ. बिस्वास ने कहा कि निपाह वायरस एक बहुत ही गम्भीर और संक्रामक वायरस है और इसका कोई इलाज भी उपब्ध नहीं, ऐसे में सावधानी बरतते हुए इससे बचने के प्रयास करना ही समझदारी है।
उन्होंने कहा कि, निपाह वायरस जानवरों से मनुष्यों तक ट्रांसफर होने के बाद अधिक संक्रामक बन जाता है। निपाह फायरस का प्रसार सबसे अधिक फ्रूट बैट के ज़रिए होता है। जब फ्रूट बैट इन फलों पर बैठते हैं तो उनकी लार फलों पर लग जाती है। जिसके बाद इस तरह के फल खाने वाले मनुष्य और जानवरों में निपाह वायरस संक्रमण हो जाता है। जैसा कि अभी तक इस बीमारी का सही इलाज नहीं मिल सका है। इसीलिए, लोगों को सावधान रहते हुए अपनी सुरक्षा का ख्याल रखना होगा और इस वायरस से बचने का प्रयास करना होगा।
प्रोफेसर बिस्वास ने यह भी कहा कि, इससे पहले हमने देखा है कि भारत में फ्रूट बैट के कारण निपाह वायरस घरेलू जानवरों जैसे, बिल्ली, कुत्ते, बकरी और घोड़ों तक में फैल गया। चूंकि ये जानवर अपने मालिक और परिवार के आसपास ही रहते हैं ऐसे में इनसे इंसानों तक निपाह वायरस के प्रसार की संभावना भी बहुत अधिक होती है। इसे स्पिलओवर कहा जाता है।
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