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Mother and Child Nutrition: 18 नवंबर को होगी भारतीय पोषण कृषि कोष की घोषणा, मां और बच्चों समेत सभी को कुपोषण से बचाने की कोशिश

Mother and Child Nutrition: 18 नवंबर को होगी भारतीय पोषण कृषि कोष की घोषणा, मां और बच्चों समेत सभी को कुपोषण से बचाने की कोशिश
पोषण अभियान मुख्‍य रूप से शारीरिक रूप से अविकसित, अल्‍पपोषित , रक्‍त अल्‍पता तथा कम वजन की शिकायत वाले शिशुओं पर केन्द्रित है।

पोषण अभियान की खास विशेषता यह है कि यह बच्‍चों के माता-पिता में सामाजिक और व्‍यावाहारिक बदलावों पर ध्‍यान देता है और बड़े बदलाव के लिए एक जनआंदोलन का मार्ग प्रशस्‍त करने के लिए समुदायों और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के बीच संबंधों को बेहतर बनाने का काम करता है।

Written by Editorial Team |Published : November 17, 2019 9:19 PM IST

केन्‍द्रीय महिला और बाल विकास तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्‍मृति जुबिन इरानी 18 नवंबर 2019 को नयी दिल्‍ली में भारतीय पोषण कृषि कोष (Mother and Child Nutrition) की घोषणा करेंगी। यह कोष बेहतर पोषण परिणामों के लिए भारत में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा।

स्मृति जुबिन इरानी समारोह के दौरान मुख्य भाषण देंगी। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन  के सहअध्‍यक्ष बिल गेट्स, इस अवसर पर एक विशेष भाषण देंगे तथा प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक प्रो.एम.एस.स्वामीनाथन की ओर से एक विशेष संदेश दिया जाएगा।

पोषण अभियान के तहत बच्चों और मां के पोषण पर दिया जाएगा ध्यान (Mother and Child Nutrition) :

वर्ष 2018 में आरंभ किया गया पोषण अभियान , प्रधानमंत्री द्वारा शुरु किया गया व्‍यापक पहुंच वाला एक ऐसा अभियान है जिसका उद्देश्‍य बहु-क्षेत्रीय परिणाम आधारित रूप रेखा के माध्‍यम से देश में कुपोषण को कम करने का अवसर प्रदान करना है। यह अभियान मुख्‍य रूप से शारीरिक रूप से अविकसित, अल्‍पपोषित , रक्‍त अल्‍पता तथा कम वजन की शिकायत वाले शिशुओं पर केन्द्रित है।

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पोषण अभियान की खास विशेषता यह है कि यह बच्‍चों के माता-पिता में सामाजिक और व्‍यावाहारिक बदलावों पर ध्‍यान देता है और बड़े बदलाव के लिए एक जनआंदोलन का मार्ग प्रशस्‍त करने के लिए समुदायों और स्‍वास्‍थ्‍य प्रणाली के बीच संबंधों को बेहतर बनाने का काम करता है।

हेल्दी इटिंग हैबिट्स को भी दिया जाएगा बढ़ावा (Mother and Child Nutrition):

बेहतर पोषण की दिशा में भारत सरकार का प्रयास पोषण युक्‍त आहार उपलब्‍ध कराने तथा  ऐसे ही अन्य आपूर्ति  योजनाओं के इर्द गिर्द बना रहा है।  हालांकि, स्वस्थ आहार की आदतों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए पूरक के तौर पर दो और बातें आवश्‍यक हैं।

पहला यह कि, इतने बड़े पैमाने पर कुपोषण की चुनौती से निबटने के लिए सामाजिक, व्यावहारिक और सांस्कृतिक प्रथाओं की एक बुनियादी समझ जरुरी है और दूसरा , जिले में प्रासंगिक कृषि-खाद्य प्रणाली के आंकड़ों को जोड़ने वाले ऐसा डेटा बेस तैयार करना जिसका उद्देश्य ऐसी देशी फसलों की किस्मों की विविधता का मानचित्र बनाना है जो लंबे समय तक कम लागत वाली बनी रहें तथा टिकाऊ रह सकें।

डब्लूसीडी के अनुरोध पर हार्वर्ड चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ भारत में स्थित अपने शोध केन्‍द्र तथा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत में विभिन्‍न भौगोलिक क्षेत्रों में खान पान की आदतों का एक दस्‍तावेज तैयार करेंगे और उसका मूल्‍याकंन करेंगे। इसके अलावा ये दोनों देश की क्षेत्रीय कृषि खाद्य प्रणाली का एक नक्‍शा भी बनाएंगे। इन दोनों का ही उद्देश्‍य सामाज के विविध क्षेत्रों को आपस में साथ लाना है। (Mother and Child Nutrition)

महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के परामर्श से, परियोजना टीम लगभग 12 ऐसे राज्यों का चयन करेगी जो भारत की भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और संरचनात्मक विविधताओं का प्रतिनिधित्‍व करते हैं।

प्रत्येक राज्य या राज्यों के समूह में परियोजना टीम एक स्थानीय साझेदार संगठन की पहचान करेगी, जिसके पास सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन संचार (एसबीसीसी) तथा नक्‍शा तैयार करने के लिए पोषक आहारों का आवश्‍यक अनुभव हो। (Mother and Child Nutrition )

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