Switch to Eng

Health, Fitness, Beauty & Diet | Sexual Health, Pregnancy & Parenting | Diseases & Home Remedies | TheHealthSite.com

Health, Fitness, Beauty & Diet | Sexual Health, Pregnancy & Parenting | Diseases & Home Remedies | TheHealthSite.com

Eng
  • होम
  • सेहत
  • ब्यूटी
  • डिज़ीज़
  • लव एन्ड सेक्स
  • प्रेगनेंसी
  • पेरन्टींग
  • न्यूज
  • गैलरीज़
  • वीडियो
Home / Hindi / Health News / भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं!

भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं!

भारत घुटने की आर्थराइटिस की महामारी का सामना कर रहा है: ऑर्थोपेडिक सर्जन

Sadhna Tiwari   | Updated: October 13, 2018 9:52 am
Tags: Arthritis cure  arthritis pain  arthritis problem  Arthritis treatment  Knee  Knee replacement  
ऽ भारतीय लोग आनुवांषिक तौर पर घुटने की आर्थराइटिस से अधिक ग्रस्त होते हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक रीति रिवाजों के कारण भारतीय लोगों के घुटनों का बहुत इस्तेमाल होता है जिससे घुटने की आर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है।

भारत में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जिनमें से 4 करोड़ लोगों को टोटल नी रिप्लेसमेंट कराने की आवश्यकता है, जिससे समाज और देश पर भारी स्वास्थ्य बोझ पड़ रहा है। इसके विपरीत, चीन में, करीब 6.5 करोड़ लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जो भारत में घुटने की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या से आधे से भी कम है। इससे भी बदतर स्थिति यह है कि भारतीय लोगों में घुटने की आर्थराइटिस की समस्या पश्चिमी देशों की तुलना में 15 गुना से भी अधिक है। भारतीय लोगों में घुटने की आर्थराइटिस का मुख्य कारण उनका घुटने की आर्थराइटिस के प्रति अधिक संवेदनषील होना है। उनके जीवन षैली ऐसी है जिसके कारण घुटने के जोड़ों का अधिक उपयोग होता है। यह जानकारी जयपुर के शाल्बी अस्पताल में विश्व आर्थराइटिस दिवस पर आयोजित एक कार्यषाला में वरिश्ठ सर्जनों ने दी। ज्ञातव्य है कि हर साल 12 अक्टूबर को विश्व आर्थराइटिस दिवस मनाया जाता है।

कार्यशाला में शाल्बी हाॅस्पिटल्स के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. विक्रम आई. शाह ने कहा, ‘‘पिछले 20 सालों में भारत में ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में जबरदस्त प्रगति हुई है, फिर लेकिन अभी भी काफी अधिक लोग ज्वाइंट रिप्लेसमेंट की सर्जरी नहीं करा पा रहे हैं, जबकि उन्हें इसकी सख्त जरूरत है। देश को आर्थराइटिस की महामारी का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय आबादी में घुटने की आर्थराइटिस की समस्या पश्चिमी देशों की तुलना में 15 गुना अधिक मानी जाती है। अमेरिका में 30 करोड़ की आबादी में हर साल 7 लाख नी रिप्लेसमेंट सर्जरी होती है, लेकिन भारत के लिए, यह आंकड़ा केवल डेढ़ लाख है। 1994 में भारत में कुल 350 घुटनों की सर्जरी की गई थी, लेकिन अब इसमें अप्रत्याषित वृद्धि हुई है। लेकिन यहां की विषाल आबादी और घुटने की आर्थराइटिस के प्रति भारतीयों की संवेदनषीलता को ध्यान में रखते हुए अब देश में हर साल एक करोड़ नी रिप्लेसमेंट कराने की जरूरत होगी। इसकी तुलना में, भारत में 2022 तक हर साल लगभग सिर्फ दस लाख नी रिप्लेसमेंट ही होने की संभावना है। अच्छी खबर यह है कि ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी अग्रिम प्रौद्योगिकी के साथ लगातार आसान हो रही है। अब, इसकी संक्रमण दर भी काफी कम हो गई है और सर्जरी के बाद अस्पताल में भी कम समय तक रहना पड़ता है।’’

षाल्बी हाॅस्पिटल्स, जयपुर के आथ्र्रोप्लास्टी एंड ट्राॅमा के वरिश्ठ कंसल्टेंट डाॅ. दीपक सैनी ने कहा, ‘‘अगले एक दशक में, घुटने की आर्थराइटिस के भारत में शारीरिक अक्षमता के चैथे सबसे आम कारण के रूप में उभरने की संभावना है। देष में हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों की कमी के कारण स्वास्थ्य देखभाल के इस भारी बोझ से निपटना मुश्किल होगा। घुटने की आर्थराइटिस में तेजी से वृद्धि होने का एक प्रमुख कारण यह है कि आजादी के बाद से भारत में जीवन प्रत्याशा दोगुनी हो गई है, जिसके कारण काफी संख्या मंे बुजुर्ग लोग घुटने के घिसने और उसके क्षतिग्रस्त होने की समस्याओं से पीड़ित हो रहे हैं।’’

डाॅ. दीपक सैनी ने कहा, “भारत में सबसे आम आर्थराइटिस उम्र से संबंधित डीजेनेरेटिव आर्थराइटिस है जिसमें कार्टिलेज का डीजेनेरेषन (घिसना और टूटना- फूटना) शामिल है, और यह घुटने जैसे किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, भारतीय महिलाओं में, घुटने की समस्याओं की शुरुआत के लिए औसत उम्र 50 साल है जबकि भारतीय पुरुषों में 60 साल है। महिलाओं में घुटने की समस्याओं की जल्द शुरुआत का कारण मोटापा और खराब पोषण है। करीब 90 प्रतिषत भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की कमी है जो बोन मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण है। शरीर में इसकी अनुपस्थिति सीधे या परोक्ष रूप से घुटने को प्रभावित करती है। भारतीय पारंपरिक जीवनशैली भी घुटने के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। स्क्वाटिंग जैसी गतिविधियां, पैरों को क्रॉस करके बैठना, भारतीय शौचालयों का उपयोग करना और घुटने के जोड़ों के अत्यधिक उपयोग और चलने के समय उचित जूते का इस्तेमाल नहीं करना आदि के कारण घुटने के जोड़ों का अधिक इस्तेमाल होता है और जोड़ों पर दबाव पड़ता है।’’

शाल्बी हाॅस्पिटल्स, जयपुर के सीनियर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. निशु गुप्ता ने कहा, ‘‘टोटल नी रिप्लेसमेंट एक बहुत ही सफल प्रक्रिया है जो आधी सदी से भी अधिक पुरानी है। इसकी सफलता दर 95 प्रतिशत है, और इससे रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में आष्चर्यजनक रूप से बदलाव आया है। हाल के वर्शों में नी आथ्र्रोप्लास्टी में कई नए विकास किये गए हैं, जैसे रोगी के अनुकूल इंस्ट्रुमेंट, लिंग के अनुकूल घुटने, मिनिमली इंवैसिव सर्जिकल टेक्नीक और टोटल नी रिप्लेसमेंट करने के लिए कंप्यूटर का उपयोग। हालांकि, ये अधिक महंगी हैं और इनके परिणाम सामान्य नी रिप्लेसमेंट से बेहतर नहीं देखे गए हैं। एक अच्छा नी रिप्लेसमेंट करने और रोगी को अधिकतम लाभ देने में सर्जन के अनुभव और कौशल का मुकाबला वर्तमान में कुछ भी नहीं कर सकता है। यदि मरीज़ एक कुशल सर्जन के साथ सही अस्पताल का चुनाव करता है, तो पारंपरिक नी रिप्लेसमेंट अभी भी सबसे अच्छा और सबसे सस्ता विकल्प है।’’

डॉक्टरों ने डीजेनेरेटिव आर्थराइटिस के षुरुआती लक्षणों, उपचार के विकल्पों और रोकथाम के बारे में भी बात की। षाल्बी हाॅस्पिटल्स, जयपुर के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डाॅ. रनत आर. विष्नोई ने कहा, ‘‘शरीर के किसी भी जोड़ में दर्द और जकड़न और जोड़ों से आवाज आना (जोड़ों से बार- बार आवाज आना) आर्थराइटिस के शुरुआती लक्षण हैं। बाद के चरणों में, जोड़ों के मूवमेंट में कठिनाई होती है और विकृतियां भी हो सकती हैं। घुटने की आर्थराइटिस के शुरुआती चरण के इलाज के लिए, सुरक्षित एनाल्जेसिक जैसी दवाएं, इंट्रा-आर्टिकुलर इंजेक्शन और फिजियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है। विकसित चरणों में, सबसे सफल उपचार टोटल नी रिप्लेसमेंट है। आर्थराइटिस को रोकने के लिए, पैर मोड़कर बैठने से बचें, आलथी-पालथी मार कर नहीं बैंठें, भारतीय शौचालयों का उपयोग नहीं करें तथा लंबे समय तक खड़े होने से बचें। घुटने की आर्थराइटिस के प्रारंभिक चरण के रोगियों के लिए स्टेटिक क्वाड्रिसप्स व्यायाम, साइकल चलाना और तैराकी तीन सर्वोत्तम अभ्यास हैं। हम जो खाना खाते हैं वह डेयरी उत्पादों और मौसमी फलों और सब्जियों से प्राप्त प्रोटीन, कैल्शियम और एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध होना चाहिए। विटामिन डी की कमी से बचने के लिए, धूप में पर्याप्त समय तक रहना आवश्यक है।’’

राजस्थान में गठिया की स्थिति के बारे में बात करते हुए, डाॅ. दीपक सैनी ने कहा, ‘‘उत्तर पश्चिम राजस्थान में, लोग परंपरागत रूप से कुएं से खींच कर निकाले गए पानी का उपयोग कर रहे हैं। इस गहरे पानी में भारी धातुओं और फ्लोराइड का उच्च स्तर होता है, जो जोड़ों के रोग का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि इसके कारण फ्लोरोसिस और हड्डियों के सख्त होने का खतरा होता है। मानव स्वास्थ्य के लिए, तालाबों, नदियों, झीलों और झरणों से प्राप्त सतह का पानी सबसे अच्छा है।’’

कार्यशाला में डॉक्टरों ने कहा कि ज्वाइंट डिसआर्डर और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के इलाज में मुख्य चुनौतियां रोगियों की वित्तीय अक्षमता और स्वास्थ्य बीमा के बारे में लोगों के बीच बहुत कम जागरूकता है। डाॅ. दीपक सैनी ने कहा, ‘‘हालांकि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से काफी बदलाव आने की संभावना है, लेकिन अच्छे प्रत्यारोपण की लागत सरकार की ओर से की जाने वाली प्रतिपूर्ति से पूरा नहीं होगी। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) ने कई प्रकार के इंप्लांटों की कीमत भी घटा दी है। इसके कारण, विदेशी निर्माता भारत में अपने नवीनतम और सर्वोत्तम इंप्लांट को शुरू करने में संकोच कर हैं क्योंकि सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य स्तर उनकी उम्मीद पर खरा नहीं उतरते हैं।’’

डॉक्टरों ने बताया कि पश्चिमी दुनिया में, आबादी में कूल्हे की आर्थराइटिस के मामले भारत में घुटने की आर्थराइटिस से कहीं ज्यादा हैं। जबकि भारत में स्थिति विपरीत है। देश में लगभग हर 100 नी रिप्लेसमेंट पर सिर्फ एक हिप रिप्लेसमेंट किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिप आर्थराइटिस की घटनाएं भारत में काफी कम हैं।

 

Published: October 13, 2018 9:51 am | Updated:October 13, 2018 9:52 am
Disclaimer: TheHealthSite.com does not guarantee any specific results as a result of the procedures mentioned here and the results may vary from person to person. The topics in these pages including text, graphics, videos and other material contained on this website are for informational purposes only and not to be substituted for professional medical advice.
अधिक मात्रा में फाइबर खाना हो सकता है नुकसान दायक इसीलिए रखें इन 4 बातों का ध्यान

अधिक मात्रा में फाइबर खाना हो सकता है नुकसान दायक इसीलिए रखें इन 4 बातों का ध्यान

भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने को मेदांता-आयुर्वेद में साझेदारी

भारतीय चिकित्सा पद्धति को आगे बढ़ाने को मेदांता-आयुर्वेद में साझेदारी

Please Wait. Article Loading ....

Health News in Hindi

एक ऐसा शब्द जो आपके रिश्ते को हमेशा रखता है मजबूत

एक ऐसा शब्द जो आपके रिश्ते को हमेशा रखता है मजबूत

अंडा मसालाः घर पर ऐसे बनाएं हेल्दी व टेस्टी एग मसाला

अंडा मसालाः घर पर ऐसे बनाएं हेल्दी व टेस्टी एग मसाला

सोने-जागने का समय बदलता रहता है तो बीमारियों से बचने के लिए करें यह एक्सरसाइज

सोने-जागने का समय बदलता रहता है तो बीमारियों से बचने के लिए करें यह एक्सरसाइज

औषधीय गुणों से भरपूर है नारियल तेल, जानें इसके सौंदर्य लाभ

औषधीय गुणों से भरपूर है नारियल तेल, जानें इसके सौंदर्य लाभ

दिमाग को बढ़ती उम्र में भी बेहतर रखना है तो करें सिर्फ एक काम

दिमाग को बढ़ती उम्र में भी बेहतर रखना है तो करें सिर्फ एक काम

Read All

Trending Topics

Shirodhara
Shirodhara
Organ donation
Organ donation
Breastfeeding week
Breastfeeding week
World Mosquito Day
World Mosquito Day
Eye donation
Eye donation
Independence Day
Independence Day
World Population Day
World Population Day
Reconstructive Surgery
Reconstructive Surgery
DIY projects
DIY projects
World Hepatitis Day
World Hepatitis Day
Safety tips for monsoon
Safety tips for monsoon
Acne
Acne

Most Popular

NTR Mahanayakudu Movie Review

South Africa Vs Sri Lanka Live Cricket Score, 2nd Test Match

Notebook Trailer

Gully Boy Movie

About The health Site

TheHealthSite.com is India's largest health site with more than 40 lakh unique visitors per month. We focus on fitness, beauty, health, pregnancy and more.

Most popular health and wellness website in India in 2012 at the Website of the year awards.

health@corp.india.com
+91 – 22 – 6697 1234
Landline Phone number 91 – 22 – 2490 0302.

India Webportal Private Limited 135, Continental Building, Dr. Annie Basent Road, Worli, Mumbai – 400 018.

Useful Links

  • Shirodhara
  • Organ donation
  • Breastfeeding week
  • World Mosquito Day
  • Eye donation
  • Independence Day
  • World Population Day
  • Reconstructive Surgery
  • DIY projects
  • World Hepatitis Day
  • Safety tips for monsoon
  • Acne
  • Liver health
  • Winter care
  • Cancer
  • Mental Health
  • Depression
  • First Aid
  • HIV AIDS
  • Swine Flu
  • Cough
  • Ayurveda
  • Erectile Dysfunction
  • Healthy eating
  • Desi Wisdom
  • Healthy Food
  • Healthy Home
  • Go Natural
  • Weight Loss Tips
  • Fitness Workouts
  • Heart Health
  • Quit Smoking
  • Celebrity Fitness
  • Flat Abs
  • Workplace Wellness

We respect your privacy

  • Disclaimer
  • Privacy Policy
  • Contact Us
  • Author Profiles

Copyright © 2019 TheHealthSite