Monkeypox news: दुनियाभर में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ता ही जा रहा है, अभी तक भारत में इसकी स्थिति खराब तो नहीं हुई है, लेकिन इस से निरंतर सावधानी बनाए रखना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि मंकीपॉक्स के कुछ म्यूटेशन काफी स्मार्ट हैं और उनपर दवाएं व इम्यून रिस्पॉन्स ठीक से का नहीं कर पा रहे हैं। दुनियाभर में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह काफी चिंता पैदा कर देने वाली खबर हो सकती है। जाहिर है कि हम कोरोना को समय पर रोकने में सक्षम नहीं हो पाए थे और अगर ऐसे में अकर मंकीपॉक्स भी अपने नए-नए और स्मार्ट म्यूटेंट स्वरूपों के साथ आता है, तो इस पर काबू पाना भी दुनियाभर के हेल्थ सिस्टम के लिए काफी मुश्किल हो सकता है।
भारतीय मूल के वैज्ञानिकों के अनुसार म्यूटेशन (उत्परिवर्तन) के कारण मंकीपॉक्स में काफी बदलाव होते जा रहे हैं। म्यूटेशन के कारण मंकीपॉक्स काफी स्मार्ट और खतरनाक बनता जा रहा है और इस कारण से दवाएं इस पर ठीक से काम नहीं कर पा रही हैं और इम्यून सिस्टम भी ठीक से रिस्पॉन्स नहीं दे पा रहा है। म्यूटेशन के बाद यह वायरस सिर्फ स्मार्ट नहीं बल्कि शक्तिशाली भी बनता जा रहा है और एंटी-वायरल दवाओं व टीकों से बचकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर रहा है।
जरनल ऑफ ऑटोइम्यूनिटी में पब्लिश की गई रिपोर्ट के अनुसार मंकीपॉक्स वायरस में हुई म्यूटेशन का पता लगने के बाद अब उसके अनुसार ही दवाओं और वैक्सीन में बदलाव किया जा सकता है, जिससे मंकीपॉक्स के नए स्वरूपों को फैलने से रोकने में भी मदद मिलेगी। यूनिवर्सिटी ऑफ मिसौरी के प्रोफेसर कमलेंद्र सिंह और उनकी टीम मंकीपॉक्स के खास म्यूटेशन की पहचान की जो लगातार फैलता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामले 77000 से ज्यादा हो गए हैं और यह दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार मंकीपॉक्स संक्रमण की मृत्युदर लगभग 36 प्रतिशत रहा है। भारत में मंकीपॉक्स अभी तक ज्यादा गंभीर नहीं रहा है, लेकिन फिर भी एक्सपर्ट्स लगातार इसके बचाव के लिए बनाए गए नियमों का सख्ती से पालन करने की सलाह दे रहे हैं, ताकि स्थिति को गंभीर होने से पहले ही कंट्रोल किया जा सके।
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