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मासिक धर्म एक प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया है, न कि कोई बीमारी। जैसा कि अब भी बहुत से लोग सोचते हैं। हर महीने होने वाली यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो हर महिला के शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार करती है। मासिक धर्म के दौरान, एक महिला के गर्भाशय से रक्त और अन्य सामग्री वेजाइना के माध्यम से बाहर स्रावित होती है। हर महीने 3-5 दिन तक जारी रहने वाली यह प्रक्रिया प्यूबर्टी (10-15 वर्ष) से शुरू होकर रजोनिवृत्ति (40-50 वर्ष) तक चलती है। अब भी हमारे समाज में इस प्राकृतिक शारीरिक प्रक्रिया को कलंक और वर्जनाओं की दृष्टि से देखा जाता है।
इस विषय पर महिलाओं में भी शर्म और संकोच मौजूद है। अपने स्त्री होने पर ही शर्म महसूस करना जैसे इस प्रक्रिया का दूसरा प्रतीक बन गया है। इसके अलावा अन्य शारीकिर परेशानियां भी महिलाओं के लिए इस दौरान होने वाली दिक्कतों में शामिल हैं। पेट में ऐंठन, दर्द और मूड स्विंग ऐसी परेशानियां हैं जिनसे ज्यादातर महिलाएं मासिक धर्म के दौरान परेशान रहती हैं। जबकि आज भी मासिक धर्म पर स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता है। जिसकी वजह से कई तरह के संक्रमणों का खतरा बना रहता है। इन सभी मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा जागरुकता पैदा करने के लिए जर्मनी के गैर सरकारी संगठन WASH यूनाइटेड द्वारा 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (MHD) मनाने का संकल्प किया है।
फील्ड में और ऑनलाइन माध्यमों में इस संदर्भ में अभी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। दुनिया भर में मासिक धर्म के संदर्भ में फैली रूढि़यों और वर्जनाओं को दूर करने की जरूरत है। इसीलिए इस वर्ष के मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 2019 की थीम है ‘It’s Time for Action’। अर्थात अब कुछ करने का समय है। इस थीम का उद्देश्य है मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अपनी निजी स्वच्छता के प्रति जागरुक करने, नई जानकारियां देने, इस दिशा में कार्यरत संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं, सरकारों, फ़ंडों, गैर-सरकारी संगठनों और विश्व निकायों की भूमिका को और सक्रिय करने की जरूरत है। साथ ही उन्हें स्वच्छता सुनिश्चित करने संबंधी उत्पादों को सुलभ करवाने में भी मदद की जरूरत है।
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पीरियड्स के दौरान स्वच्छता और जागरुकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष एक नई थीम का चयन किया जाता है। ताकि इस पर सक्रिय भागीदारी बढ़ाए जा सके। जो अब तक फैली रूढि़यों और वर्जनाओं के घेरे से स्त्रियों को मुक्ति दिला सके । आइए नजर डालते हैं बीते कुछ वर्षो की थीम पर -
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मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी MHD को मनाने की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई। इसके लिए मई का महीना चुनने के पीछे भी एक खास वजह है। मई वर्ष का 5 वां महीना है और महिलाएं हर महीने मासिक धर्म के दौरान औसतन 5 दिन ब्लीड करती हैं। पहली बार, 2012 में, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान में शामिल कुछ समूहों ने मासिक धर्म स्वच्छता की समस्या पर सभी का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। अगले वर्ष 2013 में, WASH युनाइटेड ने एक पहल की और मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कैप्शन "May #MENSTRAVAGANZA" के साथ 28-दिवसीय सोशल मीडिया अभियान चलाया।
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28 दिन की अवधि तय करने के पीछे भी यही कारण था कि सामान्यत: महिलाओं का पीरियड साइकल 28 दिन का होता है। अभियान सफल होने और दुनिया के सभी कोनों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने के बाद, WASH यूनाइटेड ने मासिक धर्म के लिए एक वैश्विक जागरूकता दिवस बनाने का निर्णय लिया। इसलिए, 2014 के 28 मई से, मासिक धर्म स्वच्छता दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाने लगा। WASH यूनाइटेड के अलावा, उसके 145 साझेदार भी इस वैश्विक अभियान का हिस्सा हैं।
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस दुनिया भर में रैलियों, फिल्म स्क्रीनिंग, थिएटर, प्रदर्शनियों, कार्यशालाओं, सेमिनारों और भाषणों, सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से मनाया जाता है। ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप इन समारोहों का हिस्सा बन सकते हैं। आप मासिक धर्म के बारे में फोटो, वीडियो, जानकारी या अपने विचार पोस्ट करने के लिए अपने सोशल मीडिया हैंडल का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, आप लोगों को टैबू को तोड़ने और इस मुद्दे पर खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करने संबंधी कहानियां भी शेयर कर सकते हैं।
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इसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों को आगे आने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, आप अपने करीबी सहयोगियों के साथ मिलकर एक छोटा समूह बना सकते हैं और इस समूह में पीरियड से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा कर सकते हैं। इस चर्चा का एक छोटा सा वीडियो बनाकर भी आप अपने व्यक्ति ट्विटर और फेसबुक अकाउंट पर शेयर कर सकते हैं। पीएमएस से पेट की ऐंठन और स्वच्छता के साथ पीरियड्स के विभिन्न पहलुओं के बारे में चर्चा कर सकते हैं। समूह का कोई व्यक्ति ट्विटर और फेसबुक पर चर्चा और साझा करने का एक छोटा सा वीडियो बना सकते हैं।
इसके अलावा आप अपने इलाके में एक छोटी रैली आयोजित कर सकते हैं। जिसमें मासिक धर्म स्वास्थ्य पर संदेश लिखे पोस्टर, बैनर और टी-शर्ट और कैप आदि भी शामिल कर सकते हैं। स्कूल के शिक्षक और अन्य अधिकारी 28 मई का दिन बच्चों को मासिक धर्म के बारे में जागरुक करने के लिए समर्पित कर सकते हैं। स्कूल परिसर में बच्चों के बीच एक क्विल, निबंध, पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित कर इस संदर्भ में फैले भ्रम को दूर कर जागरूकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। यह छोटे-छोटे प्रयास अगली पीढ़ी को इन वर्जनाओं से मुक्ति दिलवाने में मदद करेगी।
इसके अलावा समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों के लिए सैनिटरी पैड खरीदने के लिए धन जुटाना भी एक अच्छी पहल हो सकती है। यदि आप ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल हैं तो आप इसे मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की आधिकारिक वेबसाइट (www.menstrualhygieneday.org/events) पर पंजीकृत कर सकते हैं। इस वेबसाइट पर एक मैप दिखाई देगा, जिसमें इस अवसर पर आयोजित होने वाले तमाम आयोजनों को मार्क किया जाएगा। इसमें मीडिया संगठनों को भी शामिल किए जाने की जरूरत है। जिससे आपका संदेश और प्रयास एक बड़े सर्कल तक संप्रेषित हो पाएगा।
यदि आप खुद को इस सबके लिए असमर्थ पाते हैं तो आप उन संस्थानों या कार्यशालाओं में भाग ले सकते हैं जो महिलाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, एक गैर सरकारी संगठन, GOONJ, जो लंबे समय से मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरुक कर रही है, इस उपलक्ष्य में जेएनयू में एक समूह चर्चा का आयोजन कर रही है। इसमें एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी जो मासिक धर्म के संदर्भ में फैली भ्रांतियों और वास्तविकता पर प्रकाश डालेगी।
मासिक धर्म स्वच्छता बनाए रखने के लिए, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप कम से कम हर 6 घंटे के बाद अपना पैड बदलें। यदि आप लंबे समय तक एक ही सैनिटरी नैपकिन लगाए रखती हैं तो आपको यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, पैड की जगह सूती कपड़े का उपयोग भी स्वच्छता के लिहाज से ठीक नहीं है। हमेशा सैनिटरी नैपकिन, टैम्पोन या मेन्स्ट्रुअल कप्स का ही इस्तेमाल करें।
अपने पीरियड्स के दौरान अपने वेजाइना अर्थात योनि को नियमित अंतराल पर गुनगुने पानी से साफ करें। धोने के बाद वेजाइना को पोंछ कर सुखाना न भूलें। वरना यहां बदबू और संक्रमण होने का खतरा रहता है। मासिक धर्म के दौरान नियमित स्नान करें, हो सके तो रात में सोने से पहले भी। इससे पीरियड में होने वाले क्रेम्प्स और मूड स्विंग से भी छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही अपने इस्तेमाल किए हुए सैनिटरी पैड का उचित निस्तारण भी बहुत जरूरी है। अन्यथा, वे संक्रमण फैला सकते हैं। यूज किए गए सेनिटरी पैड को अच्छी तरह रैप करके फेंकना चाहिए। भूलकर भी उसे फ्लश में न डालें।
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