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Dharampal Gulati News: नहीं रहे 'मसाला किंग' महाशय धर्मपाल गुलाटी, हार्ट अटैक से निधन, जानिए सर्दियों में दिल की देखभाल का तरीका

Dharampal Gulati News: नहीं रहे 'मसाला किंग' महाशय धर्मपाल गुलाटी, हार्ट अटैक से निधन, जानिए सर्दियों में दिल की देखभाल का तरीका
नहीं रहे 'मसाला किंग' महाशय धर्मपाल गुलाटी, हार्ट अटैक से निधन, जानिए सर्दियों दिल की देखभाल का तरीका

Dharampal Gulati Death News: जाने-माने मसाला किंग धर्मपाल गुलाटी का 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। खबरों के मुताबिक उनका निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है।

Written by Atul Modi |Updated : December 3, 2020 8:34 PM IST

बिजनेस आईकन और देश की जानी मानी मसाला कंपनी एमडीएच (महाशिया दी हट्टी) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी जी का निधन हो गया। उन्‍होंने आज सुबह 5 बजकर 38 पर अंतिम सांस ली। पिछले दिनों धर्मपाल गुलाटी कोरोना वायरस से संक्रमित होकर ठीक हुए थे। खबरों के मुताबिक, महाशय की उम्र 98 वर्ष थी और उनका निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ। व्यापार और उद्योग में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए पिछले वर्ष राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मभूषण से सम्‍मानित किया था।

दरअसल, विशेषज्ञों की मानें तो सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले बढ़ जाते हैं। खबरों के मुताबिक, महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हार्ट अटैक अथवा कॉर्डियक अरेस्‍ट के कारण हुआ है। हालांकि, द हेल्‍थ साइट इस बात की पुष्टि नहीं करता है। यहां हम अपने एक्‍सपर्ट के माध्‍यम से सर्दियों में हृदय की देखभाल का तरीका बता रहे हैं।

सर्दियों में हृदय की देखभाल का तरीका

मुंबई के एशियन हार्ट इंस्‍टीट्यूट के सीनियर कॉर्डियोलॉजिस्‍ट डॉक्‍टर संतोष कुमार डोरा कहते हैं, सर्दियों के मौसम हृदय की देखभाल अधिक करनी चाहिए। सर्दियों ब्‍लड सर्कुलेशन धीमा हो जाता है, ऐसे में नियमित एक्‍सरसाइज करनी जरूरी है। सुबह वॉकिंग और रनिंग फायदेमंद है। सही आहार का चुनाव करें। फल और सब्जियां अधिक खाएं। पानी पीते रहें। तनाव कम लें। अपने ब्‍लड शुगर, कोलेस्‍ट्रॉल और रक्‍तचाप की नियमित जांच कराते रहें। नियमित रूप से दवाईयां लें। किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर एक्‍सपर्ट की सलाह लें।

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धर्मपाल गुलाटी का जीवन परिचय

धर्मपाल गुलाटी का जन्म भारत विभाजन से पूर्व 27 मार्च, 1923 को सियालकोट में हुआ था। सियालकोट अब पाकिस्‍तान में है। विभाजन के बाद धर्मपाल जी भारत आ गए थे। तब उनकी स्थिति काफी दयनीय थी। भारत आकर उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण तांगा चलाकर किया। कुछ पूंजी इकट्टा करने के बाद उन्‍होंने दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर मसाले की एक दुकान शुरु की। उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने आगे चलकर उन्‍हें 'मसाला किंग' बना दिया।