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Maternal Obesity: मोटापा आपके लिए कई हेल्थ प्रॉब्लम्स और बीमारियों का रिस्क बढ़ा देता है। जिसमें, डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक (Obesity Hazards) जैसी बीमारियां प्रमुख है। अधिक वज़न वाली महिलाओं को दूसरी महिलाओं की तुलना में गर्भधारण करने में बहुत अधिक समस्या आती है। इसी तरह प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीएमआई से प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन्स जैसे- गर्भपात, जेस्टेशनल डायबिटीज या जन्म के समय बच्चे की मृत्यु का खतरा उत्पन्न करता है। इसी तरह अधिक वजन वाली महिलाओं के बच्चों में बर्थ डिफेक्ट्स की संभावना भी अधिक होती है। (Excess Weight during Pregnancy)
एक नयी स्टडी में अब प्रेगनेंसी में मोटापे के नुकसान के बारे में कुछ नये तथ्य पेश किए गए। जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी और साइकाइट्री में छपी इस स्टडी में कहा गया कि गर्भावस्था के दौरान मोटापे से बच्चे के दिमाग के विकास पर असर पड़ता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार इस तरह के परिणाम दूसरे ट्राईमेस्टर के साथ ही दिखायी पड़ने लगता है। (Maternal Obesity Side Effects)
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं की टीम ने एक रिसर्च कर समझने की कोशिश की कि, हाई बॉडी मास इंडेक्स (मोटापे) का दिमाग के दोनों हिस्सों प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स (prefrontal cortex) और एंटीरियर इंसुला (anterior insula) पर क्या असर होता है। साथ ही मानव व्यवहार और निर्णय लेने की क्षमता पर इसके प्रभावों को समझने की कोशिश की गयी। इस स्टडी में कुछ विशेष जानकारियां मिलीं-
कुछ पुरानी स्टडीज़ में मोटापे और ब्रेन डेवलपमेंट (Brain Development) के बीच लिंक होने की बात कही गयी। लेकिन, उसमें फोकस जन्म के बाद कॉग्निटिव फंक्शन पर रहा। लेकिन, इस नयी स्टडी में कहा गया कि भ्रूण के दिमाग में शुरुआती प्रभाव गर्भ में ही दिखायी देने लगता है। यह प्रेगनेंसी के 6 महीने के बाद ही दिखायी देने लगता है। (Maternal Obesity effects in hindi)
इस हालिया स्टडी में भ्रूण के दिमाग की 197 मेटाबॉलिकली एक्टिव नर्व सेल्स की जांच की गयी। जिसके लिए 109 गर्भवती महिलाओं (6-9 महीने की गर्भवती) की मदद ली गयी है। जिनका बीएमआई 25 से 47 तक था। एमआरआई इमेजिंग तकनीक की मदद से बच्चों के दिमाग की जांच की गयी। इस स्टडी में बच्चे के दिमाग के दोनों हिस्सों और मां के बीएमआई के बीच स्ट्रॉन्ग कनेक्शन्स पाए गए।