गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने विश्व कैंसर दिवस पर सोमवार को ट्वीट कर कहा कि मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी पर जीत पा सकता है। पर्रिकर का पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज चल रहा है।
बीते साल फरवरी में गोवा के मुख्यमंत्री पर्रिकर को पैंक्रियाटिक कैंसर की पहचान हुई थी। वह गोवा, मुंबई, न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज करा चुके हैं।
Human mind can overcome any disease. #WorldCancerDay
— Manohar Parrikar (@manoharparrikar) February 4, 2019
पर्रिकर वर्तमान में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री पर्रिकर ने 30 जनवरी को राज्य विधानसभा में 2019-20 का वार्षिक बजट पेश किया। इसके बाद इसी दिन उन्हें राष्ट्रीय राजधानी के एम्स में भर्ती किया गया। वह कुछ दिनों तक एम्स में भर्ती रह सकते हैं।
गोवा कैंसर सोसाइटी के संयुक्त सचिव डॉ. शेखर सालकर के अनुसार, पर्रिकर ने सभी कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छा उदाहरण पेश किया है।
सालकर ने कहा, "मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर में हम जानलेवा कैंसर के खिलाफ लड़ने वाला एक मजबूत इच्छाशक्ति वाला व्यक्ति देखते हैं! कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सिर्फ एक विजेता हो सकता है। यह या तो मरीज हो सकता या कैंसर! उन्होंने सभी कैंसर मरीजों के लिए एक अच्छा उदाहरण स्थापित किया है।"
जानें क्या है पैनक्रियाटिक कैंसर
यह कैंसर पैनक्रियाज यानी अग्नाशय में होता है। हालांकि, इसके मामले अन्य कैंसर के मुकाबले बहुत कम पाए जाते हैं। अग्नाशय को पाचक ग्रंथि भी कहते हैं। अग्नाशय में कैंसर युक्त कोशिकाओं के जन्म के कारण पैनक्रिएटिक कैंसर की शुरुआत होती है। यह अधिकतर 60 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले लोगों में पाया जाता है। महिलाओं के मुकाबले पैनक्रिएटिक कैंसर के शिकार पुरुष ज्यादा होते हैं। पुरुषों के धूम्रपान करने के कारण इसके होने का ज्यादा खतरा रहता है। रेड मीट और चर्बी युक्त आहार का सेवन करने वालों को भी पैनक्रिएटिक कैंसर होने की आशंका बनी रहती है। कई अध्ययनों से यह भी साफ हुआ है कि फलों और सब्जियों के सेवन से इसके होने की आशंका कम होती है।
इनपुट: आइएएनएस हिंदी
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