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Madhya Pradesh Become Corona Free: भले ही कोरोना का आतंक पूरी दुनिया पर छाया हो, लेकिन कई देश ऐसे भी हैं जो कोरोना मुक्त हो चुके हैं। अमेरिका, फ्रांस, इजराइल, न्यूजीलैंड और चीन जैसे देशों में अब मास्क पहनना जरूरी नहीं है। ऐसा कैसे संभव हुआ? दरअसल, जब इन देशों में कोरोना के मामले बढ़े तो लोगों ने कोरोना संक्रमण की गंभीरता को समझते हुए सभी नियमों का पालन किया और समय पर वैक्सीन लगवाई। यही कारण है कि इन देशों में अब कोविड-19 के मामले पूरी तरह खत्म हो चुके हैं या न के बराबर हैं। जी हां, कोरोना प्रोटोकॉल और वैक्सीन का कॉम्बिनेशन किसी भी देश को कोरोना मुक्त कर सकता है। क्या ऐसा भारत में भी संभव है? क्या कभी वो दिन आएगा जब सरकार खुद कहेगी कि अब मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं है। ऐसा बिल्कुल हो सकता है, बल्कि भारत के कई गांवों में हो भी रहा है। इसका स्पष्ट उदाहरण मध्य प्रदेश है। इस राज्य के कई ऐसे गांव हैं जो पूरी तरह से कोरोना मुक्त (Madhya Pradesh Villages Become Corona Free In Hindi) हो चुके हैं। इन गांवों के लोगों ने कोरोना नियमों का गंभीरता से पालन किया और खुद को और अपने गांव को कोरोना मुक्त कर दिया है। आइए जानते हैं कौन से हैं गांव और कैसे जीती इन्होंने कोरोना से जंग?
जबलपुर के पास सुखा गांव (Sukha Village) भिंड जिले का सोनी गांव (Soni Village , Mehgaon Tehsil), कीरत पुर गांव (Kiratpur Village), खालवा (Khalwa) और राला गांव (Rala Village) की तरह मध्य प्रदेश के और भी कई गांव हैं जो आज कोरोना मुक्त हो चुके हैं। अप्रैल महीने में जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी तब इन गांव के भी कई लोग कोरोना की चपेट में आए थे। लेकिन समझदारी और खास तरह के नियम बनाकर और समय पर वैक्सीन लगाकर कोरोना मुक्त हुए ये गांव आज पूरे देश के लिए मिसाल बन रहे हैं। (Madhya Pradesh Become Corona Free)
इनमें से लगभव सभी गांवों की आबादी लाखों में नहीं बल्कि हजारों में है, लेकिन इसके बावजूद कोरोना की दूसरी लहर से यहां के लोग भी बुरी तरह से प्रभावित हुए। इसके बाद इन गांव वालों ने आपस में तय किया और गांव में लॉकडाउन लगा दिया। लॉकडाउन ऐसा कि सभी दुकानें पूरी तरह से बंद थी और बहुत जरूरी काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे थे। पंचायत ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और गांवों के घर-घर जाकर लोगों को मास्क पहनने और कोरोना नियमों के बारे में जागरुक किया। लोगों को बताया कि अगर उनके पास सेनिटाइजर नहीं है तो साबुन से बार-बार हाथ धोएं।
सिर्फ यही नहीं, जहां कोरोना के ज्यादा केस आए उस जगह को लॉक कर दिया ताकि संक्रमण न फैले। जिला प्रशासन ने भी लोगों का सहयोग दिया और संक्रमितों के घर के बाहर बेरिगेटिंग की गई। कई गांवों में युवाओं ने कोरोना वॉरियर बनकर लोगों को मास्क पहनने और घरों से बाहर न निकलने के लिए कहा गया। और इस तरह कोरोना नियमों का पालन कर आज ये गांव काफी हद तक कोरोना मुक्त हो चुके हैं और देश के लिए मिसाल बन रहे हैं।