मध्य प्रदेश के शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने और इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicle) को बढ़ावा देने का निर्णय सरकार ने लिया है। इस उद्देश्य के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति बनाई है, जिसे मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक में मंजूरी दे दी गई।(Air Pollution)
सरकार की तरफ से जारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2019 (electric vehicle) का अनुमोदन किया गया। शहरी सार्वजनिक परिवहन को सुदृढ़ करने और शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण(Air Pollution) को घटाने और गैर पेट्रोलियम वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाई गई इस नीति में चार्जिग, अवसंरचना विकास और इलेक्ट्रिक वाहन और उसके घटकों के निर्माण पर छूट का प्रावधान है।
बयान के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर मोटर व्हीकल टैक्स एवं रजिस्ट्रेशन टैक्स में शत-प्रतिशत रियायत प्रदान की जाएगी। राज्य में आगामी पांच साल में 2000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी, जो इंटरसिटी चलेंगी। ई-रिक्शा को प्रोत्साहित करने के लिए आगामी पांच साल में 150 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
बयान में कहा गया है कि मंत्रि-परिषद ने पूर्व में पीथमपुर इंडस्ट्रियल पार्क के करीब जापान सहित अन्य देशों के लिए आरक्षित जमीन में से 72 हेक्टेयर जमीन वापस लेने का फैसला किया है।
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश भू-संपदा नीति 2019 का अनुमोदन कर दिया है। इसके माध्यम से नए निवेश आकर्षित किए जा सकेंगे। डिजिटल तकनीक के माध्यम से सभी हितग्राहियों के कायरें में बेहतर समन्वय तथा आवेदक मित्र व्यवस्था लागू करने का प्रयास किया गया है, जिससे बेहतर स्पष्टता, पारदर्शिता और जवाबदेही स्थापित हो सकेगी। इस नीति में नागरिकों, कॉलोनाइजर और निवेशक सभी के लिए प्रावधान हैं।
इसके अलावा स्टार्टअप नीति को भी सरकार ने मंजूरी दे दी है। इस नीति में प्रावधान किया गया है कि एक करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। स्टार्टअप की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र संस्था का भी गठन होगा। बेस्ट स्टार्टअप को सरकार एक लाख रुपये का पुरस्कार देगी।
सरकार ने रियल स्टेट नीति में भी बदलाव किया है। इसके तहत अब भवन निर्माताओं को 27 प्रकार के दस्तावेजों के स्थान पर सिर्फ पांच दस्तावेज ही देने होंगे। कॉलोनाइजर के लिए एक राज्य एक पंजीकरण, अवैध कलोनाइजेशन रोकने के लिए दो हेक्टेयर की सीमा समाप्त करने, कॉलोनी के विकास व पूर्णता की तीन चरणों में अनुमति, ईडब्ल्यूएस निर्माण की अनिर्वायता से छूट जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसी प्रकार निवेशकों के लिए राजस्व, प्लानिंग एरिया की सीमा पर फ्री एफ.ए़ आऱ., ईडब्ल्यूएस व एलआईजी बनाने वाले निवेशकों को प्रोत्साहन जैसे कई प्रावधान भू-संपदा नीति में किए गए हैं।
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