भले ही दुनिया को इस वक्त कोविड से कोई खास खतरा न हो लेकिन बीते ढाई वर्षों में कोविड के कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें लोगों को अलग-अलग चीजों का सामना करना पड़ा। कोविड की वजह से लोगों को अपने डेली के रूटीन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। कोविड के लक्षणों में कुछ लक्षण महत्वपूर्ण थे, जिनमें से गंध व स्वाद महसूस न होना कुछ प्रमुख संकेतों में शामिल है। लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी में ये सामने आया है कि स्वाद व गंध महसूस न होना आपके इम्यून सिस्टम के मजबूत होने का एक संकेत हो सकता है। अगर आप सोच रहे हैं कैसे, तो आइए जानते हैं कैसे गंध महसूस न होना आपकी शक्तिशाली इम्यूनिटी का एक संकेत है।
जर्नल PLOS ONE में प्रकाशित एक स्टडी ये सामने आया है कि कोविड के वे रोगी, जिन्होंने गंध व स्वाद महसूस न होने जैसी परेशानी को दो बार महसूस किया उनमें संक्रमण के बाद काफी लंबे वक्त तक एंटीबॉडी बनी हुई पाई गई। कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा की गई इस स्टडी में 306 लोगों को शामिल किया गया था। ये सभी लोग न्यूयार्क शहर के उत्तरी मैनहैटन जगह के रहने वाले थे और इन्हें महामारी के पहले महीने में कोविड हुआ था।
स्टडी के मुताबिक, कोविड संक्रमण से संक्रमित करीब दो-तिहाई लोगों को स्वाद व गंध महसूस न हो पाने की शिकायत हुई थी। इसके अलावा स्टडी में शामिल सभी लोगों का संक्रमण से ठीक होने के बाद कम से कम दो सप्ताह बाद एंटीबॉडी ब्लड टेस्ट किया गया था।
ये हम सभी जानते हैं कि समय के साथ-साथ कोविड का एंटीबॉडी लेवल कम होता चला जाता है। ये चीज व्यक्ति की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी व्यक्ति को संक्रमित होने का खतरा बढ़ाने का काम करती है। अध्ययन में ये सामने आया कि स्वाद व गंध महसूस न होने वाले 71 फीसदी मामलों में लोगों को कोविड एंटीबॉडी बनी थी। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को लक्षण महसूस नहीं हुए थे उनमें कोविड से लड़ने वाली एंटीबॉडी होने के बावजूद 57 फीसदी लोग लक्षण पॉजिटिव पाए गए थे।
ये दर्शाता है कि जिन लोगों के स्वाद व गंध महसूस न होने की शक्ति छीन गई थीं उनमें कोविड से लड़ने वाली एंटीबॉडी होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई पाई।
कोविड के शुरुआती चरण के दौरान दिखाई देने वाले सबसे आम लक्षणों में शामिल थे गंध व स्वाद महसूसन होना। वैक्सीनेशन और कोविड के नए वेरिएंट की वजह से ये लक्षण बहुत ही असाधारण हो गया था। यही वजह है कि इस नई स्टडी की महत्वता स्पष्ट नहीं है, खासकर उन लोगों के लिए, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली या फिर महामारी के दौरान वायरस के म्यूटेशन होने पर।
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