आप इस बात को स्वीकार करें या न करें मगर ये बात 100 प्रतिशत सही है कि हममें से ज्यादातर लोग अपने स्‍मार्टफोन को साथ लेकर सोते हैं। जबकि अधिकांश लोगों में लेटकर ही फोन को स्क्रॉल करने की आदत होती है। सोशल मीडिया और वेब सीरिज फोन चलाने का प्रमुख कारण बन गया है। जबकि हम जानते हैं कि गैजेट्स की नीली रोशनी हमारी नींद को प्रभावित कर सकती है। पुरुष बांझपन (Male Infertility) और देर रात तक स्‍मार्ट फोन पर वक्‍त बिताने के संबंधों पर एक नए अध्ययन ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। क्‍या कहती