यह डिजिटल क्रांति का दौर है। जिसमें मोबाइल के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। सिर्फ संवाद ही नहीं, बल्कि खरीदारी, ट्रांजेक्शन से लेकर पढ़ने तक की जरूरतें मोबाइल से ही पूरी हो रही हैं । पर आपको यह नहीं भूलना चाहिए कि इसी के साथ कई तरह की बीमारियों का भी विस्तार हो रहा है। जिनका मूल कारण सेलुलर रेडिएशन हैं। कई शोधों में यह साबित हो चुका है कि सेलुलर रेडिएशन कई तरह के कैंसर का कारण बनता है।
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स्तन कैंसर: स्तन कैंसर सीधे स्तन के करीब मोबाइल फोन की दीर्घकालिक उपस्थिति से जुड़ा हुआ है। जब आप कॉल पर नहीं होते हैं, तब भी मोबाइल फोन हानिकारक विकिरण जारी करते हैं। महिलाओं को अपने शरीर के किसी भी हिस्से के सामने अर्थात सटा कर मोबाइल फोन नहीं रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं द्वारा मोबाइल फोन और टैबलेट को जितना हो सके शरीर से दूर रखना चाहिए।
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शुक्राणुओं की गुणवत्ता होती है प्रभावित - मोबाइल विकिरण शुक्राणु की पोर्टेबिलिटी को प्रभावित करता है। जो पुरुष ज्यादा लंबे समय तक मोबाइल फोन को पैंट की पॉकेट में रखते हैं उनके शुक्राणुओं की गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित होती है। उनमें सेक्स ड्राईव में भी कमी देखी गई हे।
नेत्र स्वास्थ्य - डिजिटल उपकरणों का अंधाधुंध प्रयोग करने से नेत्र संबंधी समस्याएं बढ़ी हैं। जिसमें आंख का तनाव भी शामिल है। आंखों में तनाव अत्यधिक बढ़ जाने से उनमें लालिमा या आंखों की रोशनी कम होना, सूखी आंखें, अस्पष्ट दृष्टि, पीठ दर्द, गर्दन में दर्द और सेरेब्रल दर्द शामिल हैं। टैबलेट कंप्यूटर, स्मार्टफोन और अन्य हैंडहेल्ड डिवाइसों को बारीकी से पढ़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मॉनीटर पर ग्राफिक्स और टेक्स्ट को प्रोसेस करने के लिए एक यूजर की आंखों को लगातार रीफोकस और रिपोज्ड किया जाना चाहिए।
कैंसर का कारक - सेल फोन से निकलने वाली रेडिएशन अर्थात विकिरण कई तरह के कैंसर का भी कारक बनता है। इनमें पिट्यूटरी ग्रंथि का कैंसर, गलग्रंथि का कैंसर, मेलेनोमा जोखिम, स्टेम सेल कैंसर, पैरोटिड मैलिग्नेंट ट्यूमर, लेकिमिया, लिम्फ नोड कैंसर, मल्टीफ़ोकल स्तन कैंसर शामिल हैं।
बचना है तो सकते हैं ये उपाय
सेलुलर विकिरण से बचने के लिए जरूरी है कि जितना हो सके मोबाइल से परहेज करें। यदि यह संभव नहीं है, तो इन एहतियातन मोबाइल का सीमित उपयोग करें।
सेल फोन को उन लोगों तक सीमित करें जो बिल्कुल आवश्यक हैं।
खराब स्थानों पर अर्थात जहां नेटवर्क की प्रोब्लम है वहां पर मोबाइल का प्रयोग कतई न करें, यह स्वास्थ्य के लिए ज्यादा घातक हो सकता है।
जहां मोबाइल की जरूरत नहीं पड़ने वाली है वहां मोबाइल को फ्लाइट मोड पर रखें।
हेडफ़ोन का उपयोग करें, आदर्श रूप से एक एयर-ट्यूब हेडसेट बेहतर होता है। इसका उपयोग करने से आपको अपना मोबाइल फोन अपने सिर के पास रखने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
यदि आपको खूब बातें करने की आदत है तो दोस्तों से पर्सनली मिलकर बात करें, वरना सेलफोन की बजाए लैंडलाइन का प्रयोग करें। यह सेहत के लिए मोबाइल फोन से बहुत बेहतर है।
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