होली में मिठास घोलने के लिए बाजार में तरह-तरह की मिठाइयां उपलब्ध हैं। इनमें से अधिकांश में मावा यानी खोआ का इस्तेमाल होता है। पर क्या आप जानते हैं कि कुछ लोग त्योहारी सीजन का लाभ उठाकर नकली मावा की सप्लाई करना शुरु कर देते हैं। इस नकली मावे से बनी मिठाइयां सेहत के लिए कितनी नुकसानदायक हैं।
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क्यों इस्तेमाल करते हैं नकली मावा
गुझिया हो या बर्फी, मिठाई बनाने के लिए मावे की जरूरत पड़ती ही है। जो लोग घर पर मिठाई बनाना पसंद करते हैं, वे भी अमूमन मावा बाजार से ही खरीदते हैं। इन दिनों मावे का उत्पादन उतना नहीं होता, जितनी उसकी जरूरत होती है। इस बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कुछ मुनाफाखोर नकली मावा बनाकर सप्लाई करना शुरू कर देते हैं।
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[caption id="attachment_656663" align="alignnone" width="655"]इन खतरनाक चीजों की भी हो सकती है मिलावट
मुनाफा कमाने और सीजन का लाभ उठाने के लिए कुछ लोग में कई खतरनाक केमिकल्स की मिलावट करने से भी नहीं चूकते। अमूमून मिलावटी मावा बनाने में दूध के पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसे चिकनाई देने के लिए रिफाइंड या वेजीटेबल ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा कई हानिकारक रसायन, आलू, शकरकंदी का प्रयोग भी किया जाता है।
खतरानक है सिंथेटिक दूध
सबसे ज्यादा खतरनाक वह सिंथेटिक दूध है जिसे हम दूध समझकर इस्तेमाल करते हैं। इसमें डिटर्जेट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल तक का इस्तेमाल कर लिया जाता है। जबकि कुछ लोग यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी ¨सथेटिक दूध तैयार कर लेते हैं। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है। फिर इसी से नकली मावा व पनीर भी तैयार किया जाता है।
[caption id="attachment_656665" align="alignnone" width="655"]सेहत के लिए है खतरनाक
सिंथेटिक दूध और नकली मावा, दोनों ही सेहत के लिए बहुत खतरनाक हैं। इससे सिर दर्द, उल्टी, दस्त, मितली आना तो सामान्य बात है पर अगर केमिकल बहुत ज्यादा खतरनाक हैं तो इससे पेट में संक्रमण, आंतों में संक्रमण और किडनी डेमेज होने का खतरा भी बना रहता है। ज्वाइंडिस होने का जोखिम भी हो सकता है।
ऐसे करें असली-नकली की पहचान
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