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Iodine Deficiency in Children: हम जो भी हर दिन खाते हैं, उसमें सबसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients) में से एक है आयोडीन (Iodine)। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए पोषक तत्त्व बहुत जरूरी होते हैं। शिशु और बढ़ती उम्र के बच्चों के हर दिन के खाने में पोषण, खास कर आयोडीन की कमी (Iodine Deficiency in Hindi) आज दुनिया भर में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। बच्चों के बौद्धिक और शारीरिक विकास के लिए यह पोषक तत्त्व आवश्यक होते हैं। शुरुआती आयु में शरीर को मिलने वाला पोषण पूरे जीवन भर के लिए मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है।
पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों के स्वस्थ मानसिक विकास के लिए वांछित मात्रा में आयोडीन का सेवन महत्वपूर्ण है। इस आयु में बच्चे बहुत ज्यादा जिज्ञासु होते हैं। सवाल पूछते हैं और नई-नई चीजें करने के लिए उत्सुक रहते हैं। पेरेंट्स के लिए बच्चों की जिज्ञासा को प्रोत्साहित करना और उनके सवालों का सही तरीके से जवाब देना महत्वपूर्ण होता है। साथ ही बच्चे को रोजाना खाने से पर्याप्त मात्रा में आयोडीन मिलता रहे, इसके बारे में सतर्क (Iodine deficiency in children in hindi) रहना भी जरूरी है। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जीवन के पहले 1 हजार दिनों में या गर्भाधान से लेकर दो वर्ष तक की आयु तक के समय में स्वास्थ्य, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास की नींव रखी जाती है।
आयोडीन की कमी से होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिए आपको अपने खानपान में आयोडीन (Iodine Rich Foods) से भरपूर चीजों को शामिल करना जरूरी है। टाटा न्यूट्रीकॉर्नर की न्यूट्रिशन एक्सपर्ट कविता देवगन कहती हैं, "समुद्री मछलियों, अंडों और डेयरी उत्पादों में आयोडीन अधिक होता है, लेकिन रोजाना खाने में इस्तेमाल किया जाने वाला आयोडीन युक्त नमक हमारे शरीर को हर दिन और सही मात्रा में आयोडीन की पूर्ति करने के लिए सही है। इसका सेवन सभी लोग कर सकते हैं। हर दिन पर्याप्त मात्रा में आयोडीन के सेवन से बच्चों के मानसिक विकास (kids mental development) में मदद करता है और उन्हें तेज बनाए रखता है। कुछ बच्चे हर तरह का खाना नहीं खाते या किसी चीज से एलर्जी हो, तो आयोडीन युक्त नमक से उनके रोजाना खाने में आयोडीन को आसानी से शामिल किया जा सकता है।"
हर एक बच्चे को रोजाना आहार से पर्याप्त मात्रा में आयोडीन मिल रहा है या नहीं इस बात पर ध्यान रखना (Iodine Deficiency in Children) महत्वपूर्ण है। पेरेंट्स को अपने बच्चे के खाने में आयोडीन की मात्रा कितनी होती है, इसके बारे में डॉक्टर्स और बाल रोग विशेषज्ञ के साथ चर्चा करनी चाहिए। इससे बच्चों को आयोडीन की कमी के कारण होने वाली समस्याओं से दूर रखा जा सकता है।
आईजीएन (भूतपूर्व आईसीसीआईडीडी), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूनिसेफ (UNICEF) ने आयोडीन की रोजाना जरूरतों के बारे में बताया है: