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विशेषज्ञ ने कहा, कोविशील्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच बढ़े अंतराल से प्रभावकारिता पर असर पड़ने की संभावना कम

विशेषज्ञ ने कहा, कोविशील्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच बढ़े अंतराल से प्रभावकारिता पर असर पड़ने की संभावना कम
Covishield, produced by the Serum Institute of India and approved by the DCGI, is one of the vaccines recognised by the WHO for emergency use .

कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपू टी. एस. का कहना है, ''कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। वैक्सीन की पहली खुराक द्वारा विकसित प्रतिरक्षा स्मृति लंबे समय तक रहने की संभावना होगी।''

Written by Anshumala |Published : May 14, 2021 9:27 PM IST

Covishield Efficacy in India in Hindi: डॉक्टर्स ने शुक्रवार को यह टिप्पणी की है कि कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की पहली और दूसरी खुराक (Vaccine Dose) के बीच के अंतर को पहले के 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करना एक उचितदृष्टिकोण है। इससे वैक्सीन (Vaccine Efficacy) की प्रभावशीलता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। डॉ. एन. के. अरोड़ा की अध्यक्षता वाले कोविड वर्किंग ग्रुप ने गुरुवार को कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर (Covishield vaccine latest news in Hindi) को बढ़ाकर 12-16 सप्ताह करने की सिफारिश की थी। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस सिफारिश को स्वीकार भी कर लिया है।

कोच्चि स्थित अमृता अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दीपू टी. एस. का कहना है, ''टीके की प्रभावकारिता पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। वैक्सीन की पहली खुराक (Covishield Efficacy in India in Hindi) द्वारा विकसित प्रतिरक्षा स्मृति लंबे समय तक रहने की संभावना होगी।'' एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से निर्मित वैक्सीन को शुरुआत में 4-6 सप्ताह के अंतराल पर देना निर्धारित किया गया था।

हालांकि, इस साल अप्रैल में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह और कोविड के लिए वैक्सीन प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर इसमें संशोधन करके 6-8 सप्ताह का अंतराल घोषित किया गया। दोनों सिफारिशें, जिनमें खुराक के अंतराल में संशोधन की बात कही गई थी, वे एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में किए गए परीक्षणों पर आधारित थीं, जिसमें 17,178 प्रतिभागी शामिल हुए थे।

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कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता 81.3 प्रतिशत देखी गई

मार्च में लैंसेट में प्रकाशित अध्ययन में लंबी अंतराल वाले टीकाकरण रणनीति का समर्थन किया गया है। इससे पता चला है कि 12 सप्ताह या उससे अधिक के अंतराल पर दी जाने वाली दो मानक खुराक के बाद कोविशील्ड वैक्सीन की प्रभावकारिता 81.3 प्रतिशत तक देखी गई है, जबकि 6 सप्ताह से कम समय के अंतराल में प्रभावकारिता महज 55.1 प्रतिशत दर्ज की गई थी।

दूसरी खुराक के बाद एंटीबॉडी दो गुना अधिक

शोधकतार्ओं के एक अंतराष्ट्रीय दल के नेतृत्व में किए गए अध्ययन में यह भी दावा किया गया कि एंटीबॉडी उन लोगों में दो गुना अधिक देखी गई, जिन्होंने 12 सप्ताह की अवधि के बाद दूसरी खुराक (Covishield Efficacy in India in Hindi) प्राप्त की। यह उन लोगों की तुलना में दोगुनी देखी गई, जिन्होंने छह सप्ताह के अंतराल में ही दूसरी डोज ले ली थी। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के न्यूरोलॉजी के निदेशक डॉ. प्रवीण गुप्ता ने बताया, तीन महीने में टीकाकरण की नीति टीके की प्रभावशीलता से कोई समझौता नहीं करती है, बल्कि यह अंतराल इसे और बेहतर बनाता है।

टीका है सुरक्षित

डॉ. दीपू ने कहा, चूंकि दूसरी खुराक सिर्फ एक बूस्टर खुराक है, यह शरीर में पहले से मौजूद एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ाएगी, जो टीके की पहली खुराक के परिणामस्वरूप बनी थी, इसलिए कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि फ्लू जैसी हल्की प्रतिकूल घटनाएं हो सकती हैं, लेकिन कोई बड़ी प्रतिकूल घटना होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ पहले से मौजूद प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने का काम करेगी।

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स्रोत: (IANS Hindi)