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ICMR Sero Survey in Hindi: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा किए गए दूसरे सीरो-सर्वेक्षण (ICMR sero survey) के प्रमुख निष्कर्षों ने सुझाव दिया कि भारत में अगस्त के अंत तक 8.7 करोड़ लोग कोविड-19 के मरीज हो सकते थे। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव के अनुसार, अगस्त तक 15 व्यक्ति में से एक व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित (Covid-19 infection) हुआ था। प्रतिशत के तौर पर देखा जाए तो राष्ट्रीय प्रसार 6.6 प्रतिशत पाया गया, जो कि पहले दौर से कई गुना अधिक है। पहले दौर में जनसंख्या का 0.73 प्रतिशत सार्स-कोव-2 (कोविड-19) के संपर्क में पाया गया था। निष्कर्षों में यह भी कहा गया है कि 7.1 प्रतिशत वयस्क आबादी ने अतीत में कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित होने के सबूत दिखाए।
सीरो-सर्वे (Sero Survey in Hindi) के पहले दौर के समान ही संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित 18 से 45 वर्ष के बीच के लोग थे, उनके बाद 46 से 60 वर्ष के बीच के लोग थे, जिन्होंने कोविड -19 के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित की है। शहरी स्लम बस्तियों में जोखिम गैर-स्लम क्षेत्रों से दो गुना और ग्रामीण क्षेत्रों से चार गुना अधिक जोखिम था। निष्कर्षों के अनुसार, शहरी स्लम बस्तियों (15.6 प्रतिशत) और गैर-स्लम क्षेत्रों (8.2 प्रतिशत) में ग्रामीण क्षेत्रों (4.4 प्रतिशत) की तुलना में कोविड -19 संक्रमण का हाई-रिस्क था।
हालांकि, दूसरे दौर के सर्वे (ICMR Sero Survey in Hindi) में प्रति मामले के अनुसार, संक्रमण के प्रसार में कमी दर्ज की गई, इसका कारण परीक्षणों (Testing) को बढ़ाना था। आंकड़ों के अनुसार, अगस्त तक (मई में 81-130) रिपोर्ट किए गए प्रति मामलों के अनुसार, वायरस से 26-32 संक्रमण पाया गया। सीरो-सर्वे का दूसरा दौर भी पहले की तरह ही आयोजित किया गया था। सर्वेक्षण के दूसरे दौर के लिए देश के 21 राज्यों के 70 जिलों के कुल 700 गांवों और वार्ड्स से 17 अगस्त से 22 सितंबर के बीच नमूना लिया गया था। भार्गव ने यह भी कहा कि 5टी रणनीति (टेस्ट, ट्रैक, ट्रेस, ट्रीट, टेक्नोलॉजी) का आगे भी पालन किया जाएगा, क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी घातक वायरस के लिए अतिसंवेदनशील है।
भारत में हर 15वें व्यक्ति को है कोरोना वायरस का ख़तरा, सीरो सर्वे में हुआ खुलासा