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Latest cases of nipah virus in kerala: केरल राज्य में निपाह का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है और लोग दहशत में है। दरअसल, मीडिया में आई खबरों के अनुसार शनिवार को राज्य में एक और निपाह वायरस का पॉजिटिव केस सामने आया है, जिससे लोगों में हलचल मच गई है। अब केरल राज्य में निपाह वायरस से कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर छह हो चुकी है। हालांकि, सरकार और अन्य विभाग भी इसके बढ़ते खतरे को कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदम उठा रही है, स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हैं और स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। सरकार ने ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज मंगवाई हैं, जिसकी वैक्सीन की पहली डोज संक्रमण के शुरुआती चरणों में दी जाती है। हालांकि, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इस संक्रमण को रोकने में कितना सटीक तरीके से काम कर पाता है, इसपर अभी परीक्षण किया जा रहा है।
केरल राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज खुद भी कह चुकी हैं कि राज्य में इस निपाह वायरस का स्ट्रेन बांगलादेश से आया है। वहीं डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार 1998 में मलेशिया में निपाह वायरस का पहला केस मिला था और वहीं से ही इस वायरस के निपाह नाम मिला। इसके बाद 2004 में बांग्लादेश में निपाह वायरस के मरीज मिले। बांग्लादेश में यह वायरस चमगादड़ों के जरिए फैला था।
मलेशिया में पाए गए निपाह वायरस के स्ट्रेन की तुलना में बांग्लादेश में पाया गया स्ट्रेन ज्यादा खतरनाक बताया गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बांग्लादेशी निपाह वायरस स्ट्रेन से होने वाले लक्षण ज्यादा गंभीर होते हैं और सांस लेने में दिक्कत होना इससे होने वाले प्रमुख लक्षणों में से एक है।
एक न्यूज वेबसाइट पर छपी खबर के अनुसार एक्सपर्ट्स का मानना है कि केरल राज्य में फैल रहे बांग्लादेशी निपाह वायरस का स्ट्रेन इतना खतरनाक है कि यह इससे संक्रमित 10 लोगों में से 9 की जान ले सकता है। इसलिए इस संक्रमण से निपटने के लिए उचित सावधानी बरतना बहुत ज्यादा जरूरी है।
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