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पेट की चर्बी महिलाओं के दिमाग पर बुरा असर डालती है। काम करने का तरीका और रहन-सहन का व्यवहार शरीर पर सीधा प्रभाव डालता है. खराब लाइफ स्टाइल और खान-पान की गलत आदतें मुख्य वजह हैं। कुछ वर्षों में देखा गया है कि पेट की चर्बी महिलाओं में मोटापा का मुख्य कारण है। आजकल पेट की चर्बी महिलाओं में बहुत तेजी से बढ़ रही है। कमर के मोटापे की वजह से महिलाओं को कई तरह की बीमारी होने लगी है।
हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार पेट की चर्बी महिलाओं के दिमाग पर बुरा असर डालती है। आइए जानते हैं पेट की चर्बी महिलाओं के दिमाग पर कैसे और क्यों बूरा असर डालती है।
चिकित्सकों का कहना है कि पेट की अतिरिक्त चर्बी आपके ब्रेन में ग्रे मैटर की मात्रा को कम कर सकती है और एक्स्ट्रा वेट ब्रेन के विशिष्ट क्षेत्रों में सिकुड़न से जुड़ा होता है। इसके साथ ही मोटापे के रोगियों में हार्ट डिजीज, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और डिस्लिपिडेमिया का भी खतरा बढ़ जाता है।
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हार्टकेयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉक्टर के.के. अग्रवाल के अनुसार, "सामान्य वजन का मोटापा हमारे देश में एक नई महामारी है। इसका एक प्रमुख कारण आज की जीवनशैली है। ऑन-द-गो और तेज-रफ्तार जीवन का मतलब है कि लोग नाश्ते को छोड़ देते हैं और बाकी पूरा दिन अस्वास्थ्यकर, क्विक फिक्स रिफाइंड कार्ब्स वाला भोजन खाते हैं। पेट के चारों ओर एक इंच अतिरिक्त फैट हार्ट डिजीज की संभावना को 1.5 गुना बढ़ा सकती है।"
"पुरुषों में 90 सेमी और महिलाओं में 80 सेंटीमीटर से अधिक का पेट रोग एक संकेत है कि व्यक्ति भविष्य में दिल के दौरे की चपेट में आ सकता है। पुरुषों में 20 वर्ष की आयु के बाद और महिलाओं में 18 वर्ष की आयु के बाद पांच किलोग्राम से अधिक वजन नहीं बढ़ना चाहिए। 50 वर्ष की आयु के बाद किसी के वजन की निगरानी करना और उसे उचित रूप से कम करना भी अनिवार्य है।"
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"एक बार जब किसी व्यक्ति का कद बढ़ना बंद हो जाता है, तो उसके अंगों का बढ़ना बंद हो जाता है और केवल मसल्स ही एक हद तक निर्माण कर पाती हैं। फैट का जमाव एकमात्र कारण है जो उस चरण के बाद बॉडी के वेट को बढ़ाता है।"
"जो लोग मोटे हैं, उन्हें परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करने का लक्ष्य रखना चाहिए क्योंकि वे ब्लड शुगर के लेवल और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, हर दिन लगभग 30 से 45 मिनट शारीरिक गतिविधि करने का लक्ष्य रखें, सप्ताह में पांच बार।" क्या आपको पता है कि विटामिन ई के सेवन से दिमाग स्वस्थ हो सकता है ?
"हर दिन एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें, सभी सात रंगों और छह स्वादों का मिश्रण भोजन में शामिल करें। किसी भी रूप में रिफाइंड चीनी का सेवन न करें, क्योंकि यह ब्लड सर्कुलेशन में अधिक आसानी से अवशोषित हो सकती है और आगे की जटिलताओं का कारण बन सकती है। ध्यान और योग जैसी एक्टिविटी के माध्यम से तनाव को कम करें।"