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साल 2019 भारत में वायु प्रदूषण से हुई 1.16 लाख शिशुओं की मौत, रिसर्च का दावा

साल 2019 भारत में वायु प्रदूषण से हुई 1.16 लाख शिशुओं की मौत, रिसर्च का दावा
साल 2019 भारत में वायु प्रदूषण से हुई 1.16 लाख शिशुओं की मौत, रिसर्च का दावा

हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आयी कि नवजात शिशुओं पर वायु प्रदूषण और कोविड-19 का बुरा असर पड़ता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बाहरी और घर के अंदर के वायु प्रदूषण के कारण साल 2019 में 1 महीने से छोटी उम्र के लगभग 1.16 लाख बच्चों की मौत हुई है। (Infant Deaths in India in hindi) 

Written by Sadhna Tiwari |Updated : October 21, 2020 6:31 PM IST

Infant Deaths in India: कोरोना वायरस इंफेक्शन लोगों के फेफड़ों पर बुरा असर डालता है। इसीलिए, इस संक्रमण की वजह से फेफड़ों से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ जाती है। बड़ों की तरह छोटे बच्चों और शिशुओं के लंग्स को भी कोविड-19 इंफेक्शन (Covid-19 Infection) की वजह से नुकसान पहुंचता है। हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आयी कि नवजात शिशुओं पर वायु प्रदूषण (Air Pollution Side Effects on Infants) और कोविड-19 का बुरा असर पड़ता है। इस रिपोर्ट के अनुसार, बाहरी और घर के अंदर के वायु प्रदूषण (Indoor Air Pollution) के कारण साल 2019 में 1 महीने से छोटी उम्र के लगभग 1.16 लाख बच्चों की मौत हुई है। (Infant Deaths in India in hindi)

वायु प्रदूषण से हुई एक लाख शिशुओं की मृत्यु

यह अपनी तरह की पहली रिपोर्ट है जहां नवजात शिशुओं (Infant Death due to Air Pollution) पर वायु प्रदूषण के वैश्विक प्रभाव का व्यापक विश्लेषण करने से पता चला है। इस रिपोर्ट में साल 2019 में भारत में वायु प्रदूषण की वजह से होने वाली शिशुओं की मौतों के कारणों का विश्लेषण किया गया। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 (State of Global Air 2020) की इस रिपोर्ट में पता चला है कि,

  • महीनेभर से छोटे बच्चों की इनमें से आधी से अधिक मौतें आउटडोर पीएम 2.5 से जुड़ी हैं। (Infant Deaths in India)
  • इसके अलावा, बाकी बच्चों को ठोस ईंधन (जैसे कि लकड़ी का कोयला, लकड़ी और खाना पकाने के लिए गोबर के कंडे) को जलाने से उत्पन्न धुएं से उपयोग करने से जोड़ा गया है।
  • भारत में आउटडोर और इंडोर वायु प्रदूषण के चलते बढ़े दीर्घकालिक खतरों के कारण, भारत में स्ट्रोक, दिल का दौरा, मधुमेह,  लंग कैंसर,  लंग कैंसर की पुरानी बीमारियां बढ़ी हैं।
  • एयर पॉल्युशन की वजह से इस अवधि में नवजात शिशुओं में होने वाले रोगों से 1.67 मिलियन यानी 16 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।
  • सबसे कम उम्र वाले नवजातों में ज्यादातर मौतें कम वजन और अपरिपक्व जन्म के कारण हुईं।

शिशुओं की मृत्यु चिंता का विषय

हेल्थ इफेक्ट इंस्टीट्यूट (एचईआई) की वार्षिक ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट के अनुसार, सेहत से जुड़े जोखिमों के बीच मृत्यु के पीछे वायु प्रदूषण अब सबसे बड़ा कारक है। एचईआई एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थान है जिसे संयुक्त रूप से अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी, उद्योग, नींव और विकास बैंक फंडिग करते हैं। (Infant Deaths in India)

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कोविड-19 इंफेक्शन और इस वैश्विक महामारी के माहौल में इस रिपोर्ट का महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि, कोविड-19 संक्रमण फेफड़ों के संक्रमण को भी बढ़ाती है। हालांकि, वैज्ञानिकों को अभी तक वायु प्रदूषण और कोविड-19 के बीच  सीधा संबंध का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन,  प्रदूषित हवा के कारण दिल और फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं बढ़ने के स्पष्ट प्रमाण मिले हैं। ऐसे में कोविड-19 का बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले दुष्परिणामों की वजह से चिंता बढ़ जाती है।