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विश्व हार्ट फेलियर जागरूकता माह के मौके पर लोगों को हार्ट फेलियर से जुड़ी जानकारी, इलाज व रोकथाम के उपाय बताने के लिए हृदयरोग विशेषज्ञों ने शनिवार को 'पेशेंट्स यूनाइटेड फॉर हार्ट फेलियर फांउडेशन' लॉन्च किया। इस फाउंडेशन को फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के डॉ. विशाल रस्तोगी और एम्स के डॉ. संदीप मिश्रा ने हार्ट फेलियर रोगियों को सहायता देने के उद्देश्य से लॉन्च किया है। यह ग्रुप हार्ट फेलियर को मैनेज करने और भारत में इसके इलाज के विकल्पों की जानकारी देगा।
हार्ट फेलियर के क्षेत्र में रिसर्च की सहायता से बीमारी को बेहतर तरीके से मैनेज करने और इलाज के प्रोटोकॉल को व्यवहार में लाना सुनिश्चित करेगा और उच्च मृत्युदर व हार्ट फेलियर को तत्काल प्राथमिकता देने की जरूरत पर विशेष ध्यान देगा।
हाल ही में हुए इंटर-सीएचएफ अध्ययन के अनुसार, भारत में हार्ट फेलियर से ग्रस्त रोगियों का मृत्युदर बहुत ज्यादा है। बीमारी की पहचान होने के एक साल के भीतर ही करीब 23 फीसदी रोगियों की मृत्यु हो जाती है। इस अध्ययन से यह भी पता चला कि अमेरिका व यूरोप के हार्ट फेलियर रोगियों के मुकाबले, भारत में इस बीमारी से पीड़ित रोगियों में युवा अधिक हैं। भारत में औसतन मृत्यु 59 साल है।
पेशेंट्स यूनाइटेड फॉर हार्ट फेलियर फाउंडेशन के निदेशक और फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल के एडवांस्ड हार्ट फेलियर प्रोग्राम के प्रमुख डॉ. विशाल रस्तोगी ने कहा, "भारत में करीब एक करोड़ लोग हार्ट फेलियर के मरीज हैं और अगले कुछ सालों में यह बोझ लगातार बढ़ने की उम्मीद है। भारत में हार्ट फेलियर की उच्च मृत्युदर चिंता का विषय है। पेशेंट्स यूनाइटेड फॉर हार्ट फेलियर फांउडेशन हार्ट फेलियर को प्राथमिकता देने की दिशा में काम करेगी और बीमारी को मैनेज करने का रोडमैप तैयार करेगी।"
वहीं दिल्ली के एम्स अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. संदीप मिश्रा ने कहा, "हार्ट फेलियर की जल्दी पहचान करना ही इसे मैनेज करने का शुरुआती उपाय है। "
स्रोत:IANS Hindi.
चित्रस्रोत- Shutterstock Images.