इबोला के कहर ने वैसे तो अफ़्रीका में तांडव मचा रखा है मगर इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ रही है। सोचने की बात यह है कि इसका कोई सटीक इलाज नहीं है। सिर्फ लक्षणों का उपचार किया जाता है। कोई टिकाकरण का भी आविष्कार नहीं हुआ है। भारत अभी भी इस रोग के कब्ज़े में नहीं आया है। लेकिन गाँव में जहाँ गरीब लोग रहते हैं उनमें इस रोग के फैलने का खतरा बना हुआ है। हाल ही में डी.एम.पेटीट अस्पताल वसाई विरार में 31 वर्षीय पुरूष के इबोला ग्रस्त होने का खबर मिला था। मगर हमने जब सच्चाई का पता