एक ताजा अध्ययन के मुताबिक अभ्यास या प्रतिस्पर्धा के दौरान खिलाड़ियों द्वारा उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ और अम्लीय गुण वाले स्पोर्ट्स ड्रिंक का सेवन उनके दांतों की परेशानी की मुख्य वजह है। प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेने के दौरान मुंह का काफी देर सूखा रहना दांतों की समस्या को और बढ़ा सकता है। लंदन में 2012 में हुए ओलम्पिक के दौरान खिलाड़ियों द्वारा जितनी बार चिकित्सकीय परामर्श लिया गया उसमें एक तिहाई समय दंत चिकित्सकों को बुलाया गया। अध्ययन के अनुसार, प्रतिस्पर्धाओं के दौरान दंत चिकित्सकों की मांग में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।
अध्ययनकर्ताओं ने बताया, 'मुंह से संबंधित समस्याओं के कारण होने वाली मानसिक और सामाजिक प्रभाव तो स्पष्ट हैं, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर इसका कोई असर नहीं देखा गया।' दांत की समस्या से पीड़ित खिलाड़ियों में दर्द, सोने और खाना खाने में परेशानी, लगातार अंतराल पर जलन होना, उनके आत्मविश्वास में कमी आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। शोध पत्रिका 'ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन' के ताजा अंक में प्रकाशित शोध-पत्र में अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन सब परेशानियों का खिलाड़ियों का प्रदर्शन प्रभावित हो सकता है।
अध्ययन के अनुसार, 15 से 75 प्रतिशत खिलाड़ियों में दांतों के गिरने, 15 फीसदी खिलाड़ियों में मसूढ़ों से संबंधित समस्या, 36 से 85 फीसदी खिलाड़ियों में दांतों का इनामल के क्षतिग्रस्त होने और पांच से 39 फीसदी खिलाड़ियों में पेरीकोरोनाइटिस की समस्या पाई गई।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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