लोगों में शायद यह कैंसर का भय ही है कि वे इस बीमारी की संभावित चेतावनी के संकेत को नजरंदाज कर देते हैं जिसके कारण बाद में उनकी जान पर बन आती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। निष्कर्ष के मुताबिक कुल 1700 लोगों पर यह अध्ययन किया गया जिसमें लगभग आधे (53 फीसदी) लोगों ने कहा कि तीन महीने पहले उन्हें कैंसर के कम से कम एक गंभीर लक्षण का अहसास हुआ लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि उनमें से केवल दो फीसदी लोगों को ही लगा कि यह कैंसर का संभावित लक्षण है। पढ़े: स्तन