मोटापे के कारण अनियंत्रित मधुमेह से ग्रस्त 52 वर्षीय शीला जोशी (बदला हुआ नाम) को शायद इसका अंदाजा भी नहीं है कि वह धीरे-धीरे यकृत की बीमारी की तरफ बढ़ रही हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला सिर्फ जोशी का ही नहीं है बल्कि अधिकांश भारतीय इस परिस्थिति से नावाकिफ होते हैं और जब मामला गंभीर हो जाता है तब सचेत होते हैं। सर गंगाराम हॉस्पिटल में सेवारत लैप्रोस्कोपिक रोबोटिक और बैरिएट्रिक सर्जन तरुण मित्तल ने आईएएनएस से कहा 'भारत में लोगों की आम धारणा है कि लीवर की बीमारियां शराब पीने वाले लोगों में ही होती