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हालिया अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि फेफड़े का कैंसर 20 वर्षो से अधिक समय तक सुषुप्त अवस्था में रहता है और जब इसका पता चलता है, तो वह अपनी अंतिम अवस्था में पहुंच चुका होता है। फेफड़े के कैंसर से बचने वालों की संख्या बेहद कम है और लक्षित इलाजों का इस बीमारी पर सीमित प्रभाव पड़ता है। ब्रिटेन के लंदन रिसर्च इंस्टीट्यूट के कैंसर रिसर्च में प्रोफेसर चार्ल्स स्वांटन ने कहा, 'यह किस तरह होता है, इसपर हमने काफी अध्ययन किया और इसे समझने के बाद आशा है कि हम इसके इलाज के लिए आगे कदम बढ़ा सकते हैं।'
अध्ययन के दौरान पता चला कि लक्षित उपचारों का असर इस बीमारी पर क्यों नहीं हो पाता है।
अध्ययन में फेफड़े के कैंसर में धूम्रपान की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है।
यह अध्ययन पत्रिका 'साइंस' में प्रकाशित हुआ है। पढ़े: त्वचा से होगी कैंसर की सुरक्षा
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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