पश्चिम अफ्रीका में बीते मार्च महीने में महामारी फैलने के बाद अब तक 3300 लोगों की बलि ले चुका जानलेवा इबोला वायरस का नाम 1976 में एक नदी के नाम पर रखा गया था। वर्तमान समय में कांगो गणतंत्र के नाम से जाने जाने वाले क्षेत्र में सबसे पहले इबोला के लक्षण मिले थे और वहां वायरस की चपेट में आकर कई लोग गंभीर रूप से बीमार पड़े थे। उस समय यह क्षेत्र जायरे के नाम से जाना जाता था। वायरस का पता लगाने वाले पीटर पायट ने अपने संस्मरण 'नो टाइम टू लूज : ए लाइफ इन परस्युट ऑफ