जानलेवा इबोला वायरस की रोकथाम के लिए विकसित की गई प्रायोगिक दवा को सुरक्षित और प्रतिरक्षा तंत्र के लिहाज से उपयुक्त पाया गया है। चिकित्सकों ने प्रायोगिक दवा के परीक्षण के पहले चरण में इबोला संक्रमित 20 युवकों पर इस दवा का प्रयोग किया और नतीजे सकारात्मक पाए गए। पढ़े: मेरीलैंड के बेथेसदा स्थित यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ क्लिनिकल सेंटर में दवा का परीक्षण किया गया। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (एनआईएआईडी) एवं ग्लैक्सोस्मिथक्लिाइन (जीएसके) ने मिलकर इबोला की प्रायोगिक दवा विकसित की है। पढ़े- नड्डा: भारत अभी तक इबोला मुक्त है एनआईएआईडी