अपनी अभिनय प्रतिभा के बलबूते अलग मुकाम बनाने वाली अभिनेत्री तनिष्ठा चटर्जी को टीवी शो 'कॉमेडी नाइट्स बचाओ' में रंगभेदी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। वैसे तो इस शो में हमेशा ही जिन मेहमानों को आमंत्रित किया जाता है उनका मजाक उड़ाया जाता है। उन्हें भी इस शो में बतौर मेहमान शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन उनके सांवले रंग पर किया गया मजाक कुछ ज्यादा ही कड़वा हो गया। तनिष्ठा ने बताया कि उनके रंग को लेकर उनका मजाक उड़ाया गया। तनिष्ठा ने मंगलवार को इस शो के एपिसोड की शूटिंग में हिस्सा लिया। उन्होंने फेसबुक पर अपने अनुभव को साझा किया। यह एक ऐसा शो है जिसमें शामिल होने वाले मेहमानों को मजाक उड़ाया जाता है। यही इस शो का फारमेट है। तनिष्ठा ने बताया कि शो की शुरुआत 'आपको जामुन बहुत पसंद होगा' जैसी टिप्पणी से की गई।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस शो के बारे में जानकारी थी। उन्हें उम्मीद थी कि उनके सेलिबेट्री स्टेटस का मजाक उड़ाते हुए हास्य की स्थितियां पैदा की जाएंगी लेकिन उन्हें शो में यह भयावह अहसास हुआ कि इसमें ज्यादातर उनकी सांवली त्वचा का मजाक बनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर चुकी अभिनेत्री ने पोस्ट में लिखा, 'मुझे यकीन नहीं हुआ कि मैं मुंबई में 2016 में राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित होने वाले एक प्रतिगामी (मैं इसे हास्य नहीं कह सकती) और शोर मचाते हुए रंगभेद को बढ़ावा देने वाले कॉमेडी शो में हूं।'
@ColorsTV thank you for reaching out. But it's not abt me . N this is not personal . It is abt a prejudice . I wish they had made fun of me
— TannishthaChatterjee (@TannishthaC) September 28, 2016
तनिष्ठा ने इसे घुटनभरा अनुभव बताया और कहा कि आयोजकों से इस बारे में कहने पर उन लोगों ने साफ कह दिया कि उन्हें पहले ही बता दिया गया था कि यहां उपहास उड़ाया जाने वाला है।किसी की शारीरिक विशिष्टताओं का मजाक उड़ाने को अभिनेत्री हास्य मूल्यों का हिस्सा नहीं मानती। उन्होंने देश में रंग के प्रति व्याप्त पूर्वाग्रह की ओर संकेत करते हुए कहा कि देश में गोरेपन की क्रीम की धड़ल्ले से बिक्री होती है और गोरे लोगों को नौकरी से लेकर शादी और हर जगह ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसलिए सांवले लड़कियो ंको कभी भी यह बातें नहीं कहनी चाहिए।
असल में ये भारतीय मानसिकता है कि हमेशा ही शादी का मामला हो या किसी लड़की के खूबसूरती को नापने का पैमाना वह गोरेपन के अनुपात से ही नापा जाता है। यहां तक कि नंदिता दास भी एन्टी-फेयरनेस क्रीम कैम्पेन की फेस हैं।
अपनी हालिया रिलीज फिल्म 'पाच्र्ड' का जिक्र करते हुए तनिष्ठा ने कहा कि फिल्म की टीम लिंग, शरीर, त्वचा, कामुकता और जाति के बारे में कई बातों को अभिव्यक्त करती है।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Tannishtha Chatterje/Facebook.com
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