इंसान की उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है उसकी मेमोरी भी शरीर की तरह कमजोर होने लगती है। बुढ़ापा आते-आते स्मरण क्षमता भी कमजोर होने लगती है। दिमाग पर उम्र का असर वैसे ही होता है जैसे शरीर पर होता है। कुछ लोगों में स्मरण शक्ति उम्र के आखिरी पड़ाव तक कमजोर नहीं होती। इसका एक मुख्य कारण शायद सामाजिक सक्रियता होती है। हाल में हुए एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि यदि हम अपने सामाजिक जीवन के दायरे को बड़ा रखते हैं तो स्मरण शक्ति भी मजबूत रहती है। ज्यादा दोस्त होने और सामाजिक दायरा बढ़ने