• हिंदी

इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद गई मरीजों की आंख की रोशनी

इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद गई मरीजों की आंख की रोशनी
Get a cataract surgery done and get safer on roads. © Shutterstock

स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार किया है कि आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन (Indore cataract operation)  के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चली गई है।

Written by IANS |Published : August 17, 2019 2:46 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर में आंख फोड़वा कांड (Indore cataract operation) सामने आया है।  यहां मोतियाबिंद के ऑपरेशन (Indore cataract operation) के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चली गई है। सरकार ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए इंदौर आई अस्पताल में 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत एक शिविर लगाया गया था, जिसमें मरीजों के ऑपरेशन हुए, इसके बाद आंख में दवा डाली गई, जिससे उन्हें संक्रमण हुआ और धीरे-धीरे उनकी आंखों की रोशनी ठीक होने की बजाय चली गई।

एक ट्रस्‍ट चलाता है अस्‍पताल (Indore cataract operation)

मरीजों ने आंखों में इंफेक्शन होने की बात कही, डॉक्टरों द्वारा आंखें चेक करने पर कई मरीजों ने बताया कि उन्हें सिर्फ काली छाया दिखाई दे रही है। जांच के बाद डॉक्टरों ने भी माना कि मरीजों की आंखों में इंफेक्शन हो गया है, लेकिन इसका कारण नहीं बता सके। इस अस्पताल का संचालन एक ट्रस्ट करता है। मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल की ओटी को सील कर दिया है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने दिए जांच के आदेश

स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने शनिवार को घटना पर दुख जताया है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकार किया है कि आई हॉस्पिटल में ऑपरेशन (Indore cataract operation)  के बाद 11 मरीजों की आंख की रोशनी चली गई है। इन मरीजों की आंख की रोशनी वापस लाने के लिए चेन्नई से चिकित्सकों को बुलाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर पूरे मामले की जांच इंदौर कमिश्नर की अगुवाई में सात सदस्यीय कमेटी करेगी, जिसमें इंदौर कलेक्टर समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं।

Also Read

More News

पीड़ित परिवार को दी जाएगी मदद

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के साथ ही पीड़ित परिवार को 20 हजार रुपये की तत्काल मदद दी जाएगी। वहीं, पूरे मामले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी संज्ञान लिया है। इसी अस्पताल में 2010 में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद करीब 20 लोगों की आंख की रोशनी चली गई थी। इस बार फिर अस्पताल में कैंप लगाया गया और उसके बाद उनकी आंखों में इंफेक्शन हो गया और मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई। अस्पताल में मरीजों का कहना है कि ऑपरेशन के बाद उनकी आंख की रोशनी धीरे-धीरे चली गई और अब तक डॉक्टर भी कुछ नहीं कह पा रहे हैं।