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10 मिनट में कोरोना वायरस का पता लगा लेगा ये फेस मास्क, मोबाइल पर भेजेगा अलर्ट

10 मिनट में कोरोना वायरस का पता लगा लेगा ये फेस मास्क, मोबाइल पर भेजेगा अलर्ट

face mask for coronavirus: वैज्ञानिकों ने एक ऐसे फेस मास्क का इजात किया है जो छोटे एरोसोल से भी कोरोना वायरस का पता लगा सकता है। जानते हैं इस मास्क के बारे में विस्तार है।

Written by Pallavi |Updated : September 21, 2022 9:41 AM IST

देश और दुनिया में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ घट रहे हैं। जहां अब तक इसके कई वेरिएंट और उनके सबवेरिएंट आ चुके हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स की नजर लगातार इससे जुड़े हर छोटे बड़े अपडेट्स पर है। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने एक फेस मास्क की खोज की है जो कि 10 मिनट के अंदर कोरोना वायरस का पता लगा कर आपको अलर्ट कर सकता है। इतना ही नहीं ये फेस मास्क कई रेस्पिरेटरी पैथोजन का पता लगा सकता है और इससे बचाव में आपकी मदद कर सकता है। आइए जानते हैं इस मास्क के बारे में विस्तार से।

हवा में बूंदों और एरोसोल से पता लगा लेगा कोरोना वायरस

वैज्ञानिकों ने इस फेस मास्क को ऐसे बनाया है कि ये रेस्पिरेटरी पैथोजन के होने पर रिएक्ट करता है। यानी कि ये हवा में बूंदों या एरोसोल से सामान्य रेस्पिरेटरी वायरस (respiratory viruses), जैसे कि इन्फ्लूएंजा और कोविड-19 का पता लगा सकता है। इसके अलावा अगर हवा में वायरस मौजूद हैं, तो ये मास्क अत्यंत संवेदनशील तरीके से काम करता है और इसका भी पता लगा लेता है।

मोबाइल पर भेजता है अलर्ट

इस फेस मास्क को पहनने का एक फायदा ये भी है ये वायरस की पहचान करके मोबाइल पर इसका अलर्ट भेज देता है। शोध से पता चला है कि फेस मास्क पहनने से बीमारी फैलने का जोखिम कम हो सकता है। शोधकर्ता बताते हैं कि हम एक ऐसा मास्क बनाना चाहते थे जो हवा में वायरस की उपस्थिति का पता लगा सके और पहनने वाले को सचेत कर सके।

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रेस्पिरेटरी पैथोजन के खिलाफ बेहद सेंसिटिव है ये मास्क

रेस्पिरेटरी पैथोजन के खिलाफ ये फेस मास्क बेहद सेंसिटिव है। अध्ययन शंघाई टोंगजी विश्वविद्यालय ने किया है और इसके लेखक यिन फेंग कहते हैं हमने इस मास्क को बेहद सेंसिटिव बनाया है। ये सभी COVID-19 और H1N1 इन्फ्लूएंजा का कारण बनते हैं, लोगों को संक्रमित करते हैं। साथ ही खांसने और छींकने पर निकलने वाली छोटी बूंदों और एरोसोल के माध्यम से फैलते हैं। ये वायरस विशेष रूप से छोटे एरोसोल को पहचान लेता है और इसका अलर्ट भेजता है।

फैंग और उनके सहयोगियों ने मास्क पर ट्रेस-लेवल लिक्वीड और एरोसोल युक्त वायरल प्रोटीन का छिड़काव करके इसकी टेस्टिंग की है। सेंसर ने वायरल प्रोटीन युक्त 0.3 माइक्रोलीटर तरल के प्रति कम प्रतिक्रिया दी। टीम ने aptamers के साथ एक छोटा सेंसर तैयार किया, जो एक प्रकार का सिंथेटिक एटम है जो एंटीबॉडी जैसे रोगजनकों के अद्वितीय प्रोटीन की पहचान कर सकता है। अपने प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट डिज़ाइन में, टीम ने मल्टी-चैनल सेंसर को तीन प्रकार के aptamers के साथ संशोधित किया, जो एक साथ SARS-CoV-2, H5N1 और H1N1 पर सतह प्रोटीन को पहचान सकते हैं।