विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय पर उपचार हो जाए तो स्ट्रोक से उबरा जा सकता है और उसके बाद जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। स्ट्रोक से उबर चुके ऐसे ही लोगों के लिए रविवार को यहां मैक्स अस्पताल की तरफ से 'जुम्बा' आयोजित किया गया जिसमें 350 लोगों ने भाग लिया। अस्पताल की तरफ से जारी एक बयान में न्यूरोलॉजी विभाग के वरिष्ठ निदेशक डॉ. संजय सक्सेना ने कहा इस साल के विश्व स्ट्रोक दिवस का विषय है 'स्ट्रोक के बाद फिर से उठें'। समय पर निदान और उपचार स्ट्रोक से बचने की कुंजी है।