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देशभर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, हर दिन करीब दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, हालांकि पहली और दूसरी लहर के मुकाबले इस बार मृत्यु दर में कमी देखी जा रही है। मगर, एक्सपर्ट की मानें तो खतरा अभी भी बरकरार है। ऐसे में मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करें और अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवाएं।
इस बीच सोशल मीडिया पर कुछ खबरें चल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि 'जो लोग कोरोनावायरस से ठीक हो चुके हैं उन्हें अपने टूथब्रश को बदलने की जरूरत है क्योंकि उनके टूथब्रश में वायरस चिपके रहते हैं, इससे वे दोबारा संक्रमित हो सकते हैं।'
इन खबरों की पड़ताल करने के लिए हमने दिल्ली के डॉक्टरों से बात की, जिसको लेकर उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर की।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) झज्जर में तैनात डॉ अभिनव सिंघल (न्यूक्लियर मेडिसिन) ने कहा, 'रिकवरी के बाद टूथ ब्रश और टंग क्लीनर का इस्तेमाल ना करना या फेंक देना आधारहीन बातें हैं। जब मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई तो ब्रश में कोरोनावायरस का जीवित रहने वाली बात असत्य है।'
हालांकि डॉ अभिनव सिंगल आगे यह भी कहते हैं कि, जब तक मरीज कोरोना से संक्रमित है तब तक उस व्यक्ति का टूथ ब्रश घर के अन्य लोगों के टूथ ब्रश के साथ नहीं रखा जाना चाहिए, इससे संक्रमण फैल सकता है।
दिल्ली के फोर्टिस हेल्थकेयर में आईसीयू हेड डॉक्टर शैलेंद्र भदौरिया कहते हैं कि, जब कोरोनावायरस हमारी कोशिकाओं में चला गया है तो टूथब्रश में होने ना होने का कोई मतलब नहीं है, वैसे भी कोरोनावायरस नॉन लिविंग सरफेस पर ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहते हैं। रिकवर होने के बाद टूथब्रश पर कोरोनावायरस होना बिल्कुल गलत है। यदि आपका टूथ ब्रश काफी पुराना हो चुका है तो निश्चित रूप से उसे आप बदल सकते हैं।