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दिल्ली में कोरोनावायरस से बदतर हुए हालात के बीच अब अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। वहीं इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र की मोदी सरकार से अपने हिस्से में आने वाला ऑक्सिजन कोटा बढ़ाने की मांग की है। वहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने राज्य में होने वाली ऑक्सीजन की खपत का ब्यौरा दिया है। जानिए दिल्ली को है कितनी ऑक्सीजन की जरूरत।
दिल्ली सरकार ने केंद्र को राज्य की जरूरत के बारे में बताया है। सिसोदिया के मुताबिक, दिल्ली को फिलहाल 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई की जरूरत है। सिसोदिया ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन की नियमित सप्लाई और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऑक्सिजन का यह कोटा बढ़ाने की मांग की है। सिसोदिया ने ये भी कहा कि भारत में ऑक्सीजन की सप्लाई पूरी तरह से केंद्र सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ही ये तय करती है कि किस राज्य को कितनी मात्रा में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाए।
मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार पिछले 4-5 दिनों से केंद्र सरकार से ऑक्सीजन की बढ़ी हुई आपूर्ति की मांग कर रही है। सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाई जाए क्योंकि दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा ऑक्सीजन का जितना कोटा तय है, मरीजों की संख्या बढ़ने से दिल्ली में उससे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत है।
सिसोदिया के मुताबिक, कोरोना के कारण दिल्ली के अस्पतालों में लगातार मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बता दें कि दिल्ली के कोटे में आने वाली ऑक्सीजन सप्लाई 378 मीट्रिक टन है, जिसे बढ़ाकर केजरीवाल सरकार 700 मीट्रिक टन की मांग कर रही है। हालांकि केंद्र सरकार ने अबतक इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
सिसोदिया ने आगे कहा कि कोरोना से कोई राज्य या केंद्र सरकार अकेले नहीं लड़ सकती है, हम सब साथ मिलकर ही इस महामारी से लड़ सकते है इसलिए केंद्र सरकार ऑक्सीजन की आपूर्ति में दिल्ली का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि दिल्ली के अस्पतालों में लगभग 18 हजार कोरोना मरीज भर्ती है और इसमें सिर्फ दिल्ली के नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के मरीज भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सभी को ऑक्सीजन की जरूरत है। इसलिए बाकी राज्यों की तरह ही दिल्ली में भी ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
(सोर्स- IANS)