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DCGI ने बच्चों के लिए कोवैक्सीन को दी मंज़ूरी, इमरजेंसी में किया जा सकेगा टीके का इस्तेमाल

DCGI ने बच्चों के लिए कोवैक्सीन को दी मंज़ूरी, इमरजेंसी में किया जा सकेगा टीके का इस्तेमाल

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा  बनायी गयी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक मंजूरी दे दी है।

Written by Sadhna Tiwari |Updated : October 13, 2021 12:25 PM IST

Covid-19 Vaccine For Children In India: भारत में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन का इंतज़ार बस खत्म हो चला है। देश में बच्चों की कोरोना वैक्सीन को मंज़ूरी मिल गयी है। अब भारत में 2 से 18 साल के बच्चों को भी कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से उपयोगी कोविड वैक्सीन की खुराक मिल सकेगी। बता दें कि, देश की दवा निंयत्रक संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 18 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए भारत बायोटेक (Bharat Biotech) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा  बनाए गए टीके कोवैक्सिन (Covaxin) को औपचारिक मंजूरी दे दी है। (Covid-19 Vaccine For Children In India In Hindi)

इमरजेंसी में बच्चों को लगायी जा सकेगी कोवैक्सीन

मिली जानकारी के अनुसार, बच्चों के लिए कोवैक्सिन के ट्रायल (covaxin trials) में बहुत साकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए डीसीजीआई ने आपातकालीन स्थितियों में बच्चों को कोवैक्सीन (emrgency use of covaxin in children) की खुराक देने की अनुमति दे दी है। ट्रायल में बच्चों में इस वैक्सीन के साइड-इफेक्ट नहीं देखे गए। इसलिए यह वैक्सीन बच्चों के लिए सुरक्षित मानी जा रही है।  बच्चों को भी कोवैक्सीन की 2 डोज दी जाएंगी। गौरतलब है कि, अभी तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को भी कोवैक्सिन की दो खुराकें ही दी जा रही है। (Covaxin for children)

गौरतलब है कि देश भर में धीरे-धीरे स्कूल और कॉलेज खोले जा रहे हैं। ऐसे में बच्चों को वैक्सीन ना मिलने की वजह से माता-पिता बच्चों की सुरक्षा को लेकर बहुत अधिक चिंतित हैं। वहीं,  देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (third wave of coronavirus in India) के आने की भी आशंका जतायी जा रही है। ऐसे में छोटे बच्चों के प्रभावित होंने की आशंका भी बहुत अधिक है। वैक्सीन नहीं मिलने के कारण वयस्कों की तुलना में बच्चे कमज़ोर ग्रुप बन चुके हैं। अब उम्मीद की जा रही है कि छोटे बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन आ जाने से थर्ड वेव के दौरान बच्चों के लिए सुरक्षा बढ़ सकती है और उनके संक्रमण की चपेट में आने का रिस्क भी कम होगा। इसके साथ ही  माता-पिता भी बिना डरे  बच्चों को स्कूल भेज सकेंगे।

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