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Corona Vaccine Emergency Approval: भारत में जानलेवा कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आने के 11 महीने बाद ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के 'कोविशील्ड' वैक्सीन और भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इससे इन वैक्सीन को करोड़ो लोगों को दिए जाने का रास्ता खुल गया है। यह देश के लिए बड़ी राहत की बात है, क्योंकि दुनिया में अमेरिका के बाद संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले भारत में हैं। केंद्र सरकार ने अगले 6 से 8 महीनों में टीकाकरण अभियान के पहले चरण में लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की योजना बनाई है।
इसमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन और जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारी और 50 साल से अधिक उम्र के ऐसे 27 करोड़ बुजुर्ग जिन्हें अन्य बीमारियां हैं, शामिल हैं। वैक्सीन प्रस्तावों पर काम करने वाली विषय विशेषज्ञ समिति ने 1 और 2 जनवरी को क्रमश: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की स्वदेशी कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति देने की सिफारिश की थी। डीसीजीआई को इस बारे में आखिरी निर्णय लेना था। बता दें कि पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) ने क्लिनिकल परीक्षण और कोविशील्ड के निर्माण के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ भागीदारी की है, जबकि भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ कोलैबोरेशन किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ने 6 दिसंबर और भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पाने के लिए आवेदन किया था।
इससे पहले ब्रिटेन और अर्जेंटीना ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को मंजूरी दे (Corona Vaccine Emergency Approval in hindi) चुके हैं। साथ ही वैक्सीन के 5 करोड़ से अधिक डोज का पहले ही इसके निमार्ता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भंडारण कर लिया है। वैक्सीन की कम लागत, भंडारण और परिवहन में आसानी के कारण कोविड-19 से अपने देशवासियों को बचाने की भारत के टीकाकरण की योजना में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन प्रमुख भूमिका निभाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इसी हफ्ते कहा है कि उसके पास कोविड-19 वैक्सीन की 4 से 5 करोड़ डोज हैं, जिनमें से बड़ा हिस्सा भारत को मिलने की संभावना है। जहां तक भारत बायोटेक के कोवैक्सीन (Bharat Biotech COVAXIN) की है, तो यह कोरोनावायरस (Coronavirus) के लिए भारत का पहला स्वदेशी टीका है। इसे भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया जा रहा है।
स्रोत: (IANS Hindi)