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Corona cases in India: कोरोनोवायरस महामारी (Coronavirus pandemic) के मामले में भारत की स्थिति सबसे ज्यादा खराब मालूम पड़ रही है, क्योंकि देश में दैनिक मामलों का ट्रजेक्टरी (प्रक्षेपवक्र) दिसंबर 2019 में स्वास्थ्य संकट की शुरुआत के बाद से वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक दर्ज (daily corona cases trajectory in India) किया जाना जारी है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, शनिवार को भारत में कोरोनोवायरस के 76,472 नए मामले सामने आए, जिससे कुल मामलों की संख्या बढ़कर 34,63,972 हो गई। यह एक दिन पहले देश में सामने आए 77,266 मामलों की तुलना (Corona cases in India) में थोड़ा कम है।
देश में कोरोना के दैनिक मामले पिछले तीन हफ्तों में खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं। इस कारण अब देश अमेरिका और ब्राजील से भी आगे हो गया है। कुल 34,63,972 मामलों में से ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 26,48,998 हो गई, जबकि 24 घंटे में 1,021 लोगों की मौत के साथ अब तक कुल 62,550 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। 30 जनवरी को पहला मामला सामने आने के बाद से भारत में कोरोना के 34 लाख से अधिक मामले होने में लगभग सात महीने लगे।
[caption id="attachment_765546" align="alignnone" width="600"] भारत में दैनिक कोरोना मामलों का ट्रजेक्टरी विश्व में सबसे ज्यादा।[/caption]
17 जुलाई को, देश में 10 लाख मामले हो गए थे, जो 7 अगस्त को 20 दिन में दोगुना होकर 20 लाख हो गया, और 23 अगस्त तक और 10 लाख मामले बढ़ गए। अब छह दिनों में चार लाख मामले और जुड़ गए हैं। इस मोड़ पर, वायरस के प्रसार (Virus spread) को देखने के लिए मापदंडों की तुलना करना उचित है। दोहरीकरण दर, वह दर जिस पर देश में कुल मामले दोगुने हो रहे हैं। मामले दोहरे होने के हिसाब से भारत के 32 दिन के मुकाबले ब्राजील में 68 दिन और अमेरिका में 96 दिन है।
पॉजिटिविटी दर में जुलाई की तुलना में कमी देखने को मिली है। वर्तमान में यह 8.23 प्रतिशत है। एक अन्य पैरामीटर - मत्युदर, जो कन्फर्म मामलों के बीच मौतों का अनुपात है, 1.8 प्रतिशत है। यह दर वैश्विक औसत 3.4 प्रतिशत और अमेरिका और ब्राजील के क्रमश: 2.1 प्रतिशत और 3.2 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है। इस बीच, भारत में ठीक होने की दर वर्तमान में 76.4 प्रतिशत है। 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के समय यह 7.10 प्रतिशत था। कोरोना से पांच सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश हैं। दिल्ली, जो कथित तौर पर जून में चरम पर थी, में फिर से हर दिन अधिक मामले आने शुरू हो गए हैं।