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Covid-19 Vaccine in India: कोरोना वायरस की वैक्सीन के जल्द उपलब्ध होने की संभावनाएं बढ़ती जा रही हैं। देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institutes of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की वैक्सीन्स के क्लिनिकल ट्रायल्स एडवांस स्टेज तक पहुंच चुके हैं और अब केंद्र सरकार द्वारा कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) लगाने से जुड़ी प्लानिंग भी तैयार हो रही है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकारी संस्थाएं पहले ही कह चुकी हैं कि, कोरोना वैक्सीन जब भी भारत में उपलब्ध होगी तो सबसे पहले उसे डॉक्टर्स कोविड-19 वॉरियर्स, हेल्थकेयर स्टाफ और हाई रिस्क ग्रुप (High-Risk Group) के लोगों को दिया जाएगा। (Covid-19 Vaccine in India)
लेकिन, इन लोगों को जहां कोरोना वायरस की वैक्सीन मुफ्त लगायी जाएगी वहीं, इनके अलावा बाकी लोगों को खुद निर्धारित मूल्य पर कोरोना वायरस की वैक्सीन लेनी होगी। हालांकि, हाई रिस्क ग्रुप में गिने जाने वाले 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुज़ुर्गों और 50 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को कोरोना का टीका मुफ्त दिया जाएगा। गौरतलब है कि 2 दिन पहले ही यह बयान दिया जा चुका है देश में सभी लोगों के लिए मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराना संभव नहीं है।
हालांकि, केंद्र की तरफ से यह भी कहा गया है कि, राज्य सरकारें अपने क्षेत्र में हाई रिस्क ग्रुप्स और प्राथमिकता वाले ग्रुप्स की पहचान कर सकते हैं और उन्हें टीका लगाने के लिए अपनी रणनीति बना सके हैं।
आईसीएमआर (ICMR) डायरेक्टर डॉ. बलराम भार्गव का कहना है कि, कोविड-19 वैक्सीन देने से कोरोना वायरस मामलों को तोड़ना आसान हो सकेगा। सरकार ने इसी प्रयास के साथ कोविड-19 वैक्सीन लगाने की रणनीति बनायी है। लेकिन, लोगों को वैक्सीन मिलने के बाद भी सुरक्षा के लिए एहतिहायत बरतनी होगी। कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए वैक्सीन के साथ मास्क का भी इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, प्राथमिकता के आधार जहां केंद्र सरकार ने 30 करोड़ लोगों को कोविड-19 वैक्सीन लगाने का फैसला लिया है। वहीं, 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए जहां 60 करोड़ डोज़ की ज़रूरत पड़ेगी। ऐसे में इतनी बड़ी तादाद में टीके के डोज़ बनाने में अगले वर्ष यानि साल 2021 के अगस्त-सितंबर महीने तक का समय लगेगा। इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि प्राथमिकता समूह वाले लोगों को वैक्सीन मिलने के बाद भी देश के अन्य नागरिकों टीके के लिए लम्बे समय तक इंतज़ार करना पड़ सकता है।