Airborne Coronavirus Spread: कोरोना वायरस का प्रसार हवा से भी होता है। एक हालिया स्टडी में तो यह भी दावा किया गया है कि बाहर के वातावरण की तुलना में घर के अंदर इसका प्रसार अधिक होता है। जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के इस रिसर्च के अनुसार, बंद जगहों में मौजूद प्रदूषित हवा के कारण कोरोना वायरस का प्रसार (Covid-19 Spread through Air) ज़्यादा तेजी से होता है। इस रिसर्च में यह भी कहा गया कि, घर और ऑफिस जैसी बंद जगहों की हवा में भी कोरोना वायरस फैल सकता है। इसीलिए, यह कहा जा सकता है कि कोविड-19 इंफेक्शन किसी भी जगह फैल सकता है और घर में रहने वाले लोग भी इससे सुरक्षित नहीं है। (Coronavirus Spread )
गौरतलब है कि, अभी तक दुनिया भर में इस बात पर बहस हो रही थी कि हवा से कोरोना वायरस (Airborne Coronavirus) फैलता है या नहीं। वहीं, जॉर्जिया यूनिवर्सिटी के इस रिसर्च पेपर के आधार पर अब इस बहस को नतीज़े पर पहुंचाने में सहायता होगी। (Airborne Coronavirus Spread possible indoor)
जेएएमए इंटरनल मेडिसिन और इंडिया साइंस वायर में प्रकाशित रिसर्च से जुड़े एक्सपर्ट्स के अनुसार चूंकि कोविड-19 हवा में फैली छोटी बूंदों (Droplets) की वजह से फैलता है। इसीलिए बंद कमरे में रहनेवाले लोगों की सांस के साथ हवा में फैले ड्रॉपलेट्स आसानी से शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। यही वजह है कि सोशल डिस्टेसिंग (Soacial Distancing) और साफ-सफाई (Hygiene) का बहुत अधिक ध्यान रखने के बावजूद कोरोना वायरस का वैश्विक आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। (Airborne Coronavirus Spread)
इस रिसर्च के दौरान 2 ग्रुप्स में लोगों को बांटा गया और उनकी गतिविधियों पर ध्यान दिया गया। इनमें से एक समूह को एक कोविड-19 इंफेक्टेड (Covid-19 Infected Person) व्यक्ति के साथ बस से ऑफिस तक ले जाया गया। वहीं, दूसरे ग्रुप के लोगों को भी एक दूसरी बस से इसी तरह घर से दफ्तर पहुंचाया गया। ऐसा देखा गया कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के साथ यात्रा कर रहे लोगों में से अधिकांश को संक्रमण हुआ। जबकि, दूसरे ग्रुप के लोगों में से अपेक्षाकृत कम कोविड-19 संक्रमण के मामले सामने आए।
इस आधार पर वैज्ञानिकों का तर्क है कि कोविड-19 वायरस बंद जगहों की हवा में भी मौजूद हो सकता है और वहां रहने वालों को संक्रमित करता है। चूंकि, कुछ ही समय में सर्दियों का मौसम शुरू हो जाएगा। ऐसे में एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि कोविड-19 संक्रमण एक बार फिर रफ्तार पकड़ेगा। जहां धुआं, कोहरा और स्मॉग (Smog) के माध्यम से कोरोना वायरस लोगों के घरों में भी प्रवेश कर सकता है। वैज्ञानिकों का सुझाव है कि ऐसे में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए उसकी चेन को समझना और तोड़ना आवश्यक है।
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