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Covid-19 and Children: कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन में अब धीरे-धीरे ढील दी जा रही है। इस बीच अक्टूबर महीने से दिल्ली में स्कूलों को खोलने का फैसला लिया गया है। लेकिन, 71 फीसदी पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं। बता दें कि, यह बात एक एजेंसी लोकल सर्कल्स के सर्वे में सामने आयी है। इस सर्वे के मुताबिक, कोविड-19 के मामलों में लगातार आ रही तेज़ी के कारण, पैरेंट्स के मन में बच्चों को स्कूल भेजने से डर लग रहा है। (Covid-19 and Children)
दरअसल, कोविड-19 संक्रमण को लेकर आशंका जतायी जा रही है कि सर्दियों का मौसम शुरु होने के साथ कोविड-19 के मामले बढ़ जाएंगे। इसी वजह से लोगों के मन में डर है कि अक्टूबर-नवंबर महीनों का मौसम बच्चों के लिए कोविड-19 के सम्पर्क में आने का ख़तरा उत्पन्न कर सकता है।
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए माता-पिता कितना तैयार है यह समझने के लिए लोकल सर्कल्स ने स्कूलों एक सर्वे किया। इस सर्वे में देश के लगभग 217 शहरों में 14,500 से अधिक अभिभावकों से बात की गयी। इनमें टियर 1 से टियर 4 तक और ग्रामीण जिलों के भी अभिभावक शामिल हैं। इस सर्वे में पैरेंट्स से पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अक्टूबर में स्कूल खुलने पर वे बच्चों को स्कूल भेजेंगे, इस पर ये जवाब मिले-
71 फीसदी अभिभावकों ने सीधे-सीधे कहा ना। वहीं, केवल 20 फीसदी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हुए और 9 फीसदी कोई भी फैसला लेने की स्थिति में नहीं थे।
केवल 28 प्रतिशत माता-पिता को ही लगता है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में फिर से स्कूल खुलना चाहिए। 34 फीसदी अभिभावकों का मत है कि अब स्कूलों में पढ़ाई अगले साल अप्रैल 2021 से ही शुरू होनी चाहिए।
गौरतलब है कि 10 वर्ष से छोटे बच्चे कोविड-19 की चपेट में आने वाले रिस्क ग्रुप में शामिल हैं। बच्चों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होने की वजह से वे आसानी से संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इसीलिए बच्चों के स्कूलों को राष्ट्रीय लॉकडाउन से पहले से बंद कर दिया गया था।