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COVID-19 भारत में बेहद खतरनाक दर से फैल रहा है, इसी का कारण है कि भारत कोरोना संक्रमण से प्रभावित तीसरा सबसे बुरा देश बन चुका है। विश्वस्तर पर कोरोना के खिलाफ दवाओं और वैक्सीन बनाने का तेजी से काम चल रहा है। इनमें से कुछ तो ऐसे भी हैं तो तीसरे ट्रायल में पास हो चुके हैं और अब उनका मानव परीक्षण चल रहा है। भारत में भी 7 वैक्सीन पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। जिनमें से दो क्लिनिकल इवैलुएशन से गुजर रही हैं। वहीं अब तक 3 वैक्सीन ऐसी हैं जिनसे दुनियाभर को काफी उम्मीदें हैं और ट्रायल के तीसरे या उससे आगे के दौरे में हैं। इनमें AstraZeneca-University of Oxford, Sinovac Biotech और Sinopharm की वैक्सीन शामिल हैं।
Sinovac Biotech चीन की कंपनी है, जिसका तीसरे ट्रायल पर काम चल रहा है। हालांकि कंपनी पिछले हफ्ते रेगुलेटरी अप्रवूल लेने के बाद, अब ब्राजील में कई स्तरों पर एक्सपेरिमेंट कर रही है। वहीं, AstraZeneca-University of Oxford और Sinopharm की वैक्सीन से भी काफी उम्मीदें हैं। अमेरिकी कंपनी Moderna भी इसी महीने बाद की स्टेज के ट्रायल शुरू करेगी।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित COVAXIN, ऐसी पहली होममेड वैक्सीन है जो कोरोना के खिलाफ जबरदस्त क्षमता रख रही है। अब इस वैक्सीन को ड्रग कॉम्पट्रोलर ऑफ़ इंडिया (DCGI) द्वारा फेस 1 और 2 के क्लिनिकल ट्रायल के लिए अनुमति मिल गई है। ड्रग कॉम्पट्रोलर ऑफ़ इंडिया (DCGI) द्वारा विनियामक अनुमोदन के लिए धकेल दिया गया। आधिकारिक बोर्ड ने नैदानिक परीक्षणों के अंत के लिए 15 अगस्त की समयसीमा जारी करने और वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन और उपयोग शुरू करने के लिए भी जारी किया है जो स्पाइक प्रोटीन के एक निष्क्रिय संस्करण का उपयोग करता है।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि ये वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानि कि इम्युनिटी को मजबूत करने के साथ ही एंटीबॉडी का भी उत्पादन बढ़ाएगी। जिससे वायरस के खिलाफ लड़ने में मदद मिलेगी। इस वैक्सीन के पहले फेस में कुल 375 लोगों पर ट्रायल होगा और दूसरे फेस में 750 पर इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। सिर्फ यही नहीं अच्छी बात यह है कि हैदराबाद के निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में मंगलवार से इसका क्लिनिकल ट्रायल शुरू भी हो चुका है। कंपनी ने फाइनल एनरोलमेंट के लिए 13 जुलाई की तारीख तय हुई है।
अहमदाबाद स्थित Zydus Cadila ने अपने स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन के नैदानिक परीक्षण शुरू करने के लिए DGCI से मंजूरी भी प्राप्त कर ली है। भारत और यूरोप में कई टीमों के सहयोग से एक स्थिर वैक्सीन विकसित करने के लिए एक शोध कार्यक्रम किया गया है और पाया कि ZyCOV शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ावा देकर कोरोना के खिलाफ लड़ने में मदद करेगा। हालांकि अभी ZyCOV के बारे में ज्यादा अपडेट नहीं है।