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Coronvirus Outbreak in India: देश में कोरोनावायरस का खतरा फिर से बढ़ रहा है। महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना सहित 18 राज्य महामारी की निगरानी और रोकथाम के लिए केंद्रीय एजेंसी की निगरानी में हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील के कोविड-19 स्ट्रेन के करीब 200 मामले मिले हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (NCDC) ने इन राज्यों से कहा है कि वे दूसरे देशों से यहां आने वाले वैरिएंट्स के मामलों पर नजर रखें, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस तरह के स्ट्रेन से संक्रमित लोगों की तादाद देश में 194 तक पहुंच गई है, इनमें यूके संस्करण के 187 मामले, दक्षिण अफ्रीकी संस्करण के छह मामले शामिल हैं जबकि एक ब्राजीलियाई संक्रमण का मामला पाया गया है। (Coronvirus Outbreak in India)
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान एनसीडीसी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, "राज्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विदेश से आनेवाले लोगों की निगरानी बढ़ाएं और पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों का सख्ती से आइसोलेशन में रहना सुनिश्चित करें।" मिली जानकारी के अऩुसार, कोरोना के विदेशी वेरिएंट की मौजूदगी बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान में भी पाई गई है। सुजीत कुमार सिंह, निदेशक, एनसीडीसी ने पुष्टि की कि इन क्षेत्रों से एकत्र किए गए सैंपल में वायरस के म्यूटेंट वर्जन का पता चला है, जिसके बाद यहां निगरानी बढ़ा दी गई है।
उन्होंने आगे कहा, "उन्हें मानक के अनुसार जीनोम अनुक्रमण के लिए कम से कम 5 प्रतिशत दैनिक नमूने भेजने की सलाह दी गई है।"
इस बीच, केंद्र ने देश में ब्राजील, ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा कोरोना के दो नए स्ट्रेन- एन440के और ई484क्यू का पता लगाने की पुष्टि की है। ये वेरिएंट महाराष्ट्र, केरल और तेलंगाना के कुछ जिलों में पाए गए हैं।
हालांकि, आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने स्पष्ट किया है कि मामलों में वृद्धि के लिए म्यूटेशन को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि दो वायरस स्ट्रेन का पता अन्य देशों के साथ-साथ देश के कुछ क्षेत्रों में भी लगाया गया है और यह केवल भारत के लिए विशिष्ट नहीं हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि अब तक कोई सबूत नहीं मिला है कि देश में म्यूटेशन ने वायरस को फिर से फैलाने का काम किया है, हालांकि हमें अभी भी सतर्क रहने की जरूरत है।
(स्रोत--आईएएनएस,आरएचए/एसकेपी)