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कोरोनिल: बालकृष्‍ण की आईएमए को दो टूक, कहा- देश के सामने चर्चा करें या अपने आरोपों के लिए माफी मांगें

कोरोनिल: बालकृष्‍ण की आईएमए को दो टूक, कहा- देश के सामने चर्चा करें या अपने आरोपों के लिए माफी मांगें
Pantanjali had launched Ayurveda-based Coronil on June 23, 2020,

पतंजलि की कोरोना की दवा को लेकर चल रहे विवादों पर आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि, 'देश के सामने चर्चा करें या अपने आरोपों के लिए माफी मांगें'

Written by Atul Modi |Updated : February 26, 2021 6:43 PM IST

बाबा रामदेव की कोरोना वायरस की दवा कोरोनिल के खिलाफ चल रहे विवादों के बीच पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी आचार्य बालकृष्ण दवा के बचाव में उतर आए हैं, उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि, आयुर्वेद का डंका पूरे विश्व में बजा दिया है, इसीलिए आयुर्वेद के विरोधियों में खलबली मची है। इसके साथ ही आचार्य बालकृष्ण ने 4 पन्नों की प्रेस रिलीज अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है। साथ ही उन्‍होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि कोरोनिल ने WHO-GMP, CoPP लाइसेंस प्राप्त करके आयुर्वेद को विश्व पटल पर लाकर खड़ा कर दिया है।

पतंजलि आयुर्वेद की प्रेस रिलीज में कहा गया है, 'पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट कोरोनिल पर जारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की प्रेस रिलीज से हैरान है। IMA के इतने बेहतरीन डॉक्टर भी वैज्ञानिक रिसर्च की धारणा को नहीं समझ रहे, यह बहुत ही निराशाजनक है। 19 फरवरी को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आयुर्वेद के साथ राष्ट्रीय हेल्थ केयर सिस्टम के एकीकरण की बात की थी जो कि डब्‍ल्‍यूएचओ के हाल में उठाए कदम के अनुरूप है। डॉ हर्षवर्धन ने कभी भी मॉडर्न मेडिसिन को कमतर नहीं पेश किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनकी मौजूदगी दिखाती है कि वह अन्य मेडिसिन सिस्टम को स्वीकार्यता दिलाने के लिए कितने ईमानदार प्रयास कर रहे हैं।'

प्रेस रिलीज में दावा किया गया है कि, कोरोना की दवा 'कोरोनिल' एक एविडेंस बेस्‍ड दवाई है जिसका वैज्ञानिक रिसर्च मौजूद है। साथ ही ये भी कहा गया है कि कोरोनिल कोई सीक्रेट मेडिसिन नहीं है बल्कि इसके सभी तत्वों के बारे में जनता को जानकारी दी गई है। सभी वैज्ञानिक शोध और समीक्षा के बाद संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने मंजूरी भी दी है।

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पतंजलि की तरफ से ये भी कहा गया है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की तरफ से दिए गए बयान गलत है। प्राचीन काल से चले आ रहे आयुर्वेद का अपमान है। IMA को अपना बयान वापस लेना चाहिए।

बालकृष्‍ण ने कहा, माफी मांगे आईएमए

आचार्य बालकृष्‍ण ने आईएमए के अधिकारियों को चुनौती देते हुए उन्‍हें माफी मांगने की सलाह दे डाली। उन्‍होंने ट्वीट करते हुए कहा, आईएमए अधिकारियों को खुला निमंत्रण! कोरोनिल के पीछे विज्ञान पर चर्चा के लिए, पतंजलि अनुसंधान संस्थान की रिसर्च टीम के साथ, आइए हम देश के सामने चर्चा करें या आईएमए आधारहीन गैर-वैज्ञानिक आरोपों के लिए माफी मांगें। हम विज्ञान समर्थक हैं, लेकिन षड्यंत्र विरोधी हैं!