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कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिक कर रहे हैं बार-बार दावा, लेकिन कब तक आएगी वैक्सीन?

कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिक कर रहे हैं बार-बार दावा, लेकिन कब तक आएगी वैक्सीन?
कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिक कर रहे हैं बार-बार दावा, लेकिन कब तक आएगी वैक्सीन?

अब तक दुनिया भर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5,31,659 हो गई है और इससे कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ के पार जा पहुंची है। इससे बचने का एकमात्र तरीका वैक्सीन है, लेकिन कोरोना की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) कब तक आएगी, आज भी यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

Written by Anshumala |Published : July 6, 2020 8:44 AM IST

Coronavirus Vaccine in hindi: कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus pandemic) थमने का नाम नहीं ले रही है। भारत की स्थिति इतनी खराब होती  जा रही है कि विश्व में तीसरे सबसे अधिक प्रभावित देश की सूची में इसका नाम शामिल हो जाएगा। अब तक दुनिया भर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5,31,659 हो गई है और इससे कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ के पार जा पहुंची है। इससे बचने का एकमात्र तरीका वैक्सीन है, लेकिन कोरोना की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine in hindi) कब तक आएगी, आज भी यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

विश्वभर के वैज्ञानिक बना रहे हैं टीका

फिलहाल, दुनिया भर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस कोशिश में जुटे हुए हैं कि जल्द से जल्द कोविड-19 वैक्सीन बनाई जा सके, ताकि इस महामारी पर काबू पाई जा सके। चीन सहित कई देश वैक्सीन विकसित करने के लिए पूरी मेहनत से लगे हैं। इसमें डब्लूएचओ (WHO) की भूमिका को भी कम करके नहीं आंका जा सकता है।

कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिक कर रहे हैं बार-बार दावा

अब तक कई देशों के वैज्ञानिक बार-बार यह दावा कर चुके हैं कि अगले कुछ ही महीनों में वैक्सीन तैयार हो सकती है, लेकिन कई चरणों के ह्यूमन ट्रायल के बाद ही टीके की असली परख होती है। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी होगी कि वैक्सीन कब तक बाजार में आ पाएगी। इस बीच भारत में दावा किया जा रहा है कि 15 अगस्त को कोविड-19रोधी वैक्सीन मरीजों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

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वैक्सीन पर डब्लूएचओ का बयान

डब्लूएचओ ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा था कि टीका तैयार होने की कोई निश्चित समय-सीमा बताना मुश्किल है। हां, इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वायरस से निपटने के लिए वैक्सीन शायद 2020 के अंत तक तैयार हो जाए। भले ही वैक्सीन बन जाए, लेकिन यह सवाल कम बड़ा नहीं कि बड़ी मात्रा में इसका निर्माण हो और साथ ही कौन सी वैक्सीन असल में प्रभावी होगी, यह भी एक समस्या है। डब्लूएचओ के आपात परियोजना प्रमुख माइकल रयान का कहना है कि कुछ टीकों के शुरुआती ट्रायल के डाटा आशा की किरण जगाते हैं, लेकिन यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि कौन सा टीका अधिक प्रभावी होगा।

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