Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
Malaria Cases in India: भारत में वर्ष 2000 में जहां मलेरिया के करीब दो करोड़ मामले सामने आए, वहीं 2019 में मलेरिया के मामलों की संख्या घटकर लगभग 56 लाख हो गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की हालिया विश्व मलेरिया रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत में मलेरिया (Malaria Cases in India) के मामलों में सबसे बड़ी कमी देखने को मिली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 2018 की तुलना में 12 लाख मलेरिया के मामलों में कमी दर्ज की गई है। (Malaria Cases in India update)
वार्षिक अनुमान के तहत 2019 में मलेरिया के मामलों का वैश्विक स्तर 2.29 करोड़ था और यह अनुमान पिछले चार वर्षों में लगभग अपरिवर्तित रहा है। इस बीमारी ने 2018 में 411,000 की तुलना में 2019 में करीब 409,000 लोगों की जान ली।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से अफ्रीका में मलेरिया का अधिक प्रभाव देखा गया है।
जीवन रक्षक उपकरणों की पहुंच में कमी से इस बीमारी पर अंकुश लगाने के वैश्विक प्रयास कमजोर हुए हैं। इसके साथ ही अब विश्व भर के देश कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं, जिस दौरान इसके और भी बढ़ने की उम्मीद है।
WHO के महानिदेशक ट्रेडोस अदनोम गेब्रेयसस ने कहा, "यह अफ्रीका और दुनिया भर के नेताओं के लिए समय है कि वे मलेरिया की चुनौती से पार पाने के लिए एक बार फिर से उठ खड़े हों।" WHO प्रमुख ने मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त कार्रवाई पर जोर दिया।
भले ही इस रिपोर्ट में भारत में कोरोना वायरस के केसेस में भले ही कमी आयी है। लेकिन, अभी तक ख़तरा टला नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, भारत में अभी भी मलेरिया की बीमारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
गौरतलब है कि, भारत दुनिया के 11 सबसे अधिक मलेरिया के बोझ वाले देशों में से एक है। अफ्रीका महाद्वीप के देशों के बाद भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां मलेरिया के मामले (Malaria Cases in India) और इसकी वजह से होने वाली मौत दुनिया भर के मुकाबले लगभग 70 फीसदी है।