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Coronavirus Third Wave in India: भारत में कोरोना वायरस की तीसरी लहर का संभावित का समय नजदीक है। गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने के लिए जुलाई महीने के मध्य से अगस्त महीने के मध्य की अवधि बतायी गयी है। इस लहर को अधिक संक्रामक और खासतौर पर बच्चों को भी प्रभावित करनेवाला बताया गया है। वहीं, आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं ने तीसरी लहर से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि हो सकता है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर कमज़ोर हो और अधिक संक्रामक ना साबित हो। ( How dangerous can be the Coronavirus Third Wave in India in Hindi)
So the bottom line is: if there is no significantly faster spreading mutant, third wave will be a ripple. And if there is such a mutant, third wave will be comparable to first one.
However, if there is an immunity-escape mutant, all the above scenarios will be invalid! — Manindra Agrawal (@agrawalmanindra) July 2, 2021
आईआईटी कानपुर के शोधकर्ताओं की एक स्टडी में कहा गया है कि अगर तीसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के ऐसे म्यूटेंट नहीं बनते जिनका प्रसार तेज़ी से होता है तो ऐसे में थर्ड वेव कमज़ोर ही रहेगी। इस दावे का आधार एक 'सूत्र मॉडल’ है जिसके अनुसार यह पूर्वानुमान लगाए गए हैं। (Coronavirus Third Wave in India)
इस स्टडी के अनुसार, अगर तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं मिलते तो थर्ड वेव पहली लहर जैसी ही होगी। एक्सपर्ट्स का कहना है किकि, थर्ड वेव की अवधि भी छोटी हो सकती है और यह कमज़ोर भी हो सकती है। लेकिन, इसके लिए ज़रूरी है कि किसी भी ऐसे म्यूटेंट का निर्माण ना हो जो तेज़ी से फैलता है। वहीं, अगर किसी तेजी से फैलने वाले म्यूटेंट का पता चलता है तो तीसरी लहर, कोरोना वायरस पहली वाली लहर के जैसे ही होगी।'
इस सूत्र मॉडल में यह भी कहा गया है कि, अगर कोरोना वायरस का कोई ऐसा म्यूटेंट सामने आता है, जिसपर वैक्सीन असरदार ना हो और कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों की भी इम्यूनिटी बेअसर कर दे तो हो सकता है कि ये सारे अनुमान भी गलत साबित हो जाए।