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कोरोनोवायरस (Covid-19 in hindi) एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो नाक, साइनस या ऊपरी गले में संक्रमण का कारण बनता है। अधिकांश कोरोनावायरस खतरनाक नहीं हैं। हालांकि, उनमें से कुछ प्रकार बेहद ही गंभीर होते हैं। 2003 में भी कई लोगों की मृत्यु हो गई थी जब कोरोनोवायरस ने हमला किया था। उदाहरण के लिए 2003 में गंभीर तीव्र श्वसन सिंड्रोम (SARS) और 2012 और 2015 में मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) के रूप में। कोरोनावायरस के लक्षण, जांच, इलाज, बचाव, डूज एंड डोंट्स के बारे में संपूर्ण जानकारी दे रहे हैं फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर (एडिशनल) एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट, रेस्पिरेटरी मेडिसिन एंड इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी डॉ. विकास मौर्या...
Coronavirus Symptoms in Hindi: कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव की सही जानकारी आपकी जान बचा सकती है
जनवरी 2020 की शुरुआत से ही चीन में कोरोनावायरस (2019-nCoV) की पहचान की गई। अब तक यह दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका है और देखते-देखते ही भारत (Coronavirus in India in hindi) में भी इससे 29 लोगों के इंन्फेक्टेड होनी की बात सामने आई है। दिल्ली के अलावा तेलंगाना, जयपुर, केरल, आगरा में कोरोनावायरस से संक्रमित मामले सामने आए हैं और देश-दुनिया में लगातार इसकी संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि, घबराने से बात और बिगड़ सकती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इसके लक्षणों को पहचानकर खुद की हाइजीन का ख्याल रखें। यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि आप एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। वायरल संक्रमण से लड़ने के लिए अच्छी प्रतिरक्षा बनाए रखें और इसके लिए जरूरी है हेल्दी डाइट लेना।
कोरोनावायरस के लक्षण किसी भी दूसरे ऊपरी रेस्पिरेटरी इंफेक्शन से मिलते-जुलते हैं। इसे सर्दी-खांसी, कोल्ड करने वाले वाइरसेज जैसे फ्लू वायरस या राइनोवायरस (Rhinovirus) से फर्क नहीं किया जा सकता है। कोरोनावायरस के लक्षण 2 दिन के अंदर भी नजर आ सकते हैं नहीं तो 14 दिनों के बाद भी। कुछ इसोलेटेड केसेज के लक्षण तो 25 से 27 दिनों में नजर आए हैं।
बुखार
बहती नाक या स्टफी नाक
कफ
गले में खराश, सिर दर्द
मिडिल ईयर इंफेक्शन होने पर कान दर्द
दस्त, उल्टी
सांस लेने में तकलीफ जब फेफड़े में परेशानी और निमोनिया हो
किडनी प्रभावित होने पर पेशाब कम आना
जब लगातार कफ आए, सीने में दर्द हो
सांस लेने में अधिक तकलीफ हो
उल्दी, दस्त, जी मिचलाना
पेशाब ना हो
लैब टेस्ट में वायरल कल्चर्स और नैसोफैरिन्जियल पीसीआर।
ब्लड टेस्ट जैसे वायरस के खिलाफ एन्टीबॉडीज।
बुजुर्ग
हार्ट पेशेंट
क्रोनिक डिजीज जैसे डायबिटीज, फेफड़े की बीमारी, हार्ट कंडीशंस
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है जैसे कैंसर के मरीज, ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीज।
निमोनिया (Pneumonia)
रेस्पिरेटरी फेलियर (Respiratory failure)
एआरडीएस (ARDS)
ऑर्गन फेलियर जैसे किडनी फेलियर
अब तक कोरोनावायरस का कोई भी टीका (Vaccine) नहीं उपलब्ध है और ना ही इसकी कोई दवा बनी है। यह संक्रमण एक से दूसरे में ना फैले, उसका सबसे बेहतर उपाय है खुद की हाइजीन का ख्याल रखना। इसके लिए आप निम्न बातों पर ध्यान दें...
1 पर्सनल हाइजीन का ख्याल रखें।
2 साबुन और गर्म पानी से अपने हाथों को बार-बार साफ करें। एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
3 खांसते और छींकते समय मुंह पर रूमाल रखें।
4 अपने हाथ और उंगलियों को नाक, मुंह और आंख से दूर रखें। खासकर जब बाहर हैं, तो इन्हें छूने से बचें।
5 संक्रमित व्यक्ति के पास जाने से बचें।
6 मरीजों को एन95\99 मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।
7 हेल्दी खाएं और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें ताकि इम्यूनिटी मजबूत हो।
8 फलों और सब्जियों के सेवन से पहले उन्हें अच्छी तरह से साफ करके खाएं।
9 खूब तरल पदार्थ का सेवन करें। आराम करें।
बच्चों और टीन्स (19 वर्ष तक) को एस्पिरिन देने से बचें। दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
ऊपर बताए गए किसी भी तरह का कोई लक्षण नजर आए तो स्कूल, कॉलेज, ऑफिस जाने से बचें।
जिन लोगों को सर्दी-खांसी, बुखार या कोरोनावायरस से मिलते-जुलते लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उनके कॉन्टैक्ट में आने से बचें।
अधपके या कच्चे मांस खाने से बचें।
फार्म, जानवरों के मार्केट या उन जगहों पर ना जाएं जहां जानवरों को काटा जाता है।