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पिछले एक सप्‍ताह में इन 8 राज्‍यों में फिर से बढ़े कोरोना के मामले, स्थिति से निपटने के लिए उच्‍च स्‍तरीय बैठक, केंद्र ने जारी किया अलर्ट

पिछले एक सप्‍ताह में इन 8 राज्‍यों में फिर से बढ़े कोरोना के मामले, स्थिति से निपटने के लिए उच्‍च स्‍तरीय बैठक, केंद्र ने जारी किया अलर्ट
देश के कई राज्‍यों कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने लगे हैं।

Coronavirus Update India: केंद्र द्ववारा राज्यों को कोरोना के नए स्ट्रेन की निगरानी करने की सलाह भी दी गई है। जिन राज्यों में कोरोना मामले बढ़ रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता के साथ टीकाकरण करने के लिए भी कहा गया है।

Written by Atul Modi |Updated : February 27, 2021 9:16 PM IST

एक तरफ जहां पूरे देश में कोरोना का टीकाकरण (Covid Vaccination In India) जारी है, तो वहीं दूसरी तरफ देश के कुछ भागों में कोरोनावायरस का संक्रमण (Coronavirus Ka Sankraman) दोबारा फैलने लगा है। महाराष्‍ट्र समेत देश के 8 बड़े राज्यों में कोरोनावायरस के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को अतिरिक्‍त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के मद्देनजर कैबिनेट सचिवों और अन्‍य अधिकारियों ने स्थिति से निपटने के लिए शनिवार को उच्‍च स्‍तरीय बैठक की।

बैठक में राज्‍यों के लिए दिशा निर्देश जारी

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। गौबा ने इन राज्यों द्वारा की जा रही निगरानी को कम न करने, कोविड-उपयुक्त व्यवहार लागू करने और उल्लंघनकर्ताओं के साथ सख्‍ती से निपटने की सलाह दी है। इन राज्यों में पिछले एक सप्ताह में कोरोना के मामलों में वृद्धी देखी गई है, जिसके बाद कैबिनेट सचिव ने यह हिदायत दी है।

कोविड प्रबंधन और प्रतिक्रिया रणनीति की समीक्षा एवं चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित बैठक में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव और वरिष्ठ स्वास्थ्य पेशेवरों ने भाग लिया। इसके अलावा बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक, नीति आयोग के सदस्य और गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया।

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इन 8 राज्‍यों में बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले

महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और जम्मू एवं कश्मीर में पिछले एक सप्ताह में सक्रिय (एक्टिव) मामले बढ़े हैं। जबकि, छह राज्यों - महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पिछले 24 घंटों में नए मामलों में वृद्धि देखी गई है।

महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों के दौरान 8,333 नए मामलों का पता चला है। राज्य में नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। वहीं इस दौरान केरल में 3,671 और पंजाब में 622 नए मामलों का पता चला है। पिछले दो हफ्तों में महाराष्ट्र ने कोरोनावायरस के मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। प्रदेश में जहां 14 फरवरी को 34,449 सक्रिय मामले थे, वहीं अब यहां सक्रिय मामलों की संख्या 68,810 तक पहुंच गई है, जो कि फिलहाल उच्चतम वृद्धि है।

इन राज्यों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई है, जिसमें नए मामलों की बढ़ती संख्या, सकारात्मकता में बढ़ती प्रवृत्ति और संबंधित परीक्षण प्रवृत्तियों वाले जिलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

इसके बाद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ व्यापक समीक्षा की गई। मुख्य सचिवों ने राज्यों की वर्तमान स्थिति और कोविड मामलों में हालिया वृद्धि से निपटने की उनकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

कोरोना से बचाव के लिए फिर लग सकता भारी जुर्माना

इसके अलावा राज्यों ने भारी जुर्माना और चालान काटने के अलावा जिला कलेक्टरों के साथ निगरानी और नियंत्रण गतिविधियों की समीक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय एवं गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान किए गए दिशानिर्देशों के अनुरूप उठाए गए कदमों की समीक्षा करके कोविड उपयुक्त व्यवहार के प्रवर्तन के बारे में बताया।

कैबिनेट सचिव ने दोहराया कि कोरोना पर लगाम कसने के लिए निरंतर कठोर सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता है। राज्यों को तेजी से फैलने वाले संक्रमण की घटनाओं के संबंध में प्रभावी निगरानी करने के लिए कहा गया है। गौबा ने कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यथासंभव प्रयास किए जाएं, ताकि पिछले साल साझा प्रयासों के चलते मिली सफलता बेकार न हो।

उन्होंने कहा कि सभी राज्य सतर्कता के साथ कड़ाई से नियमों का पालन कराएं। टेस्टिंग की जाए, कोरोना गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित हो और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए राज्यों को पर्याप्त कदम उठाने की सलाह दी गई है, जिसमें परीक्षण में कमी वाले जिलों में समग्र परीक्षण में सुधार करना, अधिक संवेदनशील राज्यों और जिलों में आरटी-पीसीआर परीक्षण को बढ़ाना आदि शामिल है।

(आईएएनएस)