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केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास ( Child Nutrition Program) तथा कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने आज नयी दिल्ली में बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ मिलकर भारतीय पोषण कृषि कोष ( बीपीकेके) का शुभारंभ किया। यह कोष बेहतर पोषण परिणामों के लिए भारत में 128 कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विविध प्रकार की फसलों का भंडार होगा।( Child Nutrition Program)
I thank Prof. M S Swaminathan ji for his support to Bharatiya Poshan Krishi Kosh. #PoshanBharatKosh will be vital in giving thrust to efforts towards tackling the challenge of protein & micro-nutrient hunger as highlighted by him. pic.twitter.com/GXqbKqhjSw
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 18, 2019
इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव रबिन्द्र पंवार ने बिल और मिलिडां गेट्स फाउंडेशन के भारत में स्थित कंट्री कार्यालय के निदेशक श्री हरी मेनन को इच्छा पत्र सौंपा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जाने माने कृषि वैज्ञानिक डा. एम एस स्वामिनाथन कहा कि भारत को पोषण के मामले में सुरक्षित बनाने के लिए पांच सूत्री कार्य येाजना लागू करनी होगी जिसमें:
इरानी ने इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हुए कहा कि यह अपने आप में एक अनोखा अवसर है जब देश को पोषण के मामले में सशक्त बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी किसानों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ एक मंच पर आयी है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सतत जारी रहने वाली हरित क्रांति के उस संदेश के अनुरूप है जिसके जरिए देश के नागरिकों के पोषक आहार की जरुरतों तथा देश में फसल उगाए जाने के तरीकों और कृषि उत्पादन के बीच सामंजस्य लाया जा सके।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने जल शक्ति के नाम से एक अलग मंत्रालय बनाया है, जो अब देश के हर घर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है। उन्होंने आगे बताया कि इस साल सितंबर में पोषण माह मनाया गया था और एक महीने में देश भर में 36 मिलियन पोषण संबंधित गतिविधियाँ आयोजित की गई थीं। उन्होंने कहा कि मजदूरी के नुकसान की भरपाई करके प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ 10 मिलियन लाभार्थियों तक पहुंचाया गया जिससे 2013 से मातृ मृत्यु दर में 26.9 प्रतिशत की कमी आई।
इरानी ने कहा कि वह उन 1.3 मिलियन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और राज्यों की ऐसी ऐजेंसियों को धन्यवाद देना चाहती हैं जो पौष्टिक लक्ष्यों को जीवंत बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन आंगनवाड़ी सहायकों और राज्य की एजेंसियों ने 85 मिलियन लाभार्थियों तक पहुंच बनाई है और उन्हें डैशबोर्ड पर दैनिक अपडेट के माध्यम से सरकार से जोड़ा है।
उन्होंने कहा कि लेकिन भारत को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) हासिल करने के लिए अब संचार के वैज्ञानिक तरीकों को कार्यान्वयन विज्ञान के साथ जोड़ना होगा ताकि स्वच्छता और स्वच्छ पेयजल के साथ ही पोषण भी राजनीतिक और प्रशासनिक एजेंडे में शामिल हो सके।
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